UP: कांवड़ भोजनालय आदेश वापस लेने का अभी भी समय है- RLD नेता जयंत चौधरी

Update: 2024-07-21 12:26 GMT
Muzaffarnagar मुजफ्फरनगर। भाजपा की सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी ने रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार से कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों पर उनके मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह यात्रा किसी एक धर्म या जाति से संबंधित नहीं है। उन्होंने कहा कि कांवड़िये किसी से कोई सेवा मांगते समय उसका धर्म नहीं पूछते और न ही इस मामले (तीर्थयात्रा) को किसी धर्म से जोड़ा जाना चाहिए। मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी भोजनालयों पर उनके मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के आदेश के कुछ दिनों बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को विवादास्पद आदेश को पूरे राज्य में लागू कर दिया। विपक्षी दलों और सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों ने इस आदेश की आलोचना की है। उनका कहना है कि यह मुस्लिम व्यापारियों को निशाना बनाता है। राज्यसभा सदस्य चौधरी ने यहां संवाददाताओं से कहा, "ऐसा लगता है कि यह आदेश बिना सोचे समझे लिया गया और सरकार इस पर अड़ी हुई है, क्योंकि निर्णय लिया जा चुका है।" उन्होंने कहा, "अभी भी समय है। इसे (वापस) लिया जाना चाहिए या सरकार को इसे (लागू करने) पर ज्यादा जोर नहीं देना चाहिए।" भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल पार्टी के नेता ने यह भी सवाल उठाया कि क्या किसी को अपने धर्म की पहचान के लिए अपने कपड़ों पर नाम का टैग लगाना चाहिए। उन्होंने कहा, "इन पहचान चिह्नों को कहां-कहां लगाना पड़ेगा! क्या हमें अब नाम का टैग भी पहनना चाहिए? ताकि पता चले कि किससे हाथ मिलाना है?"
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