गोरखपुर से लखनऊ आ रही वंदे भारत एक्सप्रेस पर शुक्रवार सुबह मल्हौर स्टेशन से गुजरते समय उपद्रवियों ने पथराव कर दिया। इससे चेयरकार बोगी सी-4 का शीशा चिटक गया। पथराव से यात्रियों में अफरातफरी मच गई। राहत की बात यह है कि कोई घायल नहीं हुआ। आरपीएफ पथराव करने वालों की तलाश में सीसीटीवी कैमरे चेक करवा रही है।
पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस नौ जुलाई को गोरखपुर से लखनऊ के बीच शुरू हुई थी। इसके कुछ दिन बाद ही बाराबंकी रेलखंड पर ट्रेन पर पथराव हुआ। मामले में आरपीएफ ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। सात अगस्त को सफेदाबाद स्टेशन के पास ट्रेन पर पथराव किया गया, जिससे कोच की खिड़की का शीशा टूट गया था। अब शुक्रवार सुबह मल्हौर के पास उपद्रवियों ने ट्रेन पर पथराव कर दिया। आरपीएफ मल्हौर चौकी इंचार्ज ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
ऐसा रुका था शताब्दी पर पथराव
दैनिक यात्री एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस उप्पल ने बताया कि लखनऊ से दिल्ली जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस पर कानपुर के आसपास पथराव की कई घटनाएं हुई थीं। इन पर लगाम लगाने के लिए आरपीएफ ने रूट पर गश्ती बढ़ाई। कई उपद्रवियों को दबोचा, जिससे पथराव की घटनाओं पर विराम लगा। वंदे भारत एक्सप्रेस की सुरक्षा के लिए ऐसे प्रयास होने चाहिए।
बीते सात अगस्त को सफेदाबाद रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन पर पथराव किया गया था, जिससे कोच का शीशा टूट गया था। अराजक तत्वों के पत्थर चलाने से कोच नंबर सी-3 के सीट नंबर 3 और 4 के पास वाली खिड़की का शीशा टूटा था। नौ जुलाई से वंदे भारत ट्रेन की शुरूआत हुई थी, जिसके बाद बीते दो माह में चार बार वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव हो चुका है, जिसके मामले आरपीएफ ने दर्ज किये हैं। बाराबंकी में पथराव के मामले में तीन लोगों पर ही कार्रवाई हो सकी।
बकरी कटने का लिया था बदला
पिछली बार जब वंदे भारत ट्रेन में पथराव हुआ तब उसकी वजह अजीब निकली थी। जांच में पता चला था कि स्थानीय गांव के निवासियों की कुछ बकरियां ट्रेन से कट गईं थीं। इसी का बदला लेने के लिए ट्रेन पर पत्थर चलाए गए थे। गनीमत यह थी कि इस पथराव से किसी यात्री को चोट नहीं पहुंची थी।