UP : हिट हुई राहुल-अखिलेश की जोड़ी,कैसे पलट दी भाजपा की बाजी

Update: 2024-06-05 14:21 GMT
Uttar Pradesh उत्तरप्रदेश : 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश अपने आप में जबरदस्त तरीके से चर्चा है। उत्तर प्रदेश में BJP को सबसे बड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश भाजपा के लिए गढ़ माना जाता है जहां डबल इंजन की सरकार है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं। बावजूद इसके पार्टी को जबरदस्त तरीके से नुकसान का सामना करना पड़ा है। उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और राहुल गांधी के जोड़ी ने भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया। भाजपा सिर्फ 33 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही। उत्तर प्रदेश में कुल 80 सीटें हैं।
यूपी में कैसे बदला इंडिया ब्लॉक का खेल?
1. सटीक चुनावी गणित: अपनी स्थिति को ज़्यादा आंकने से बचते हुए, कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के साथ सही सहमति जताई, जब समाजवादी पार्टी ने उसे 80 में से 17 सीटों की पेशकश की। दोनों पार्टियां अपने-अपने गढ़ों पर लड़ीं, जिससे भाजपा विरोधी वोटों को मजबूत करने में मदद मिली।
2. जमीनी कार्यकर्ताओं को सही संदेश: पिछले चुनावों में, राहुल गांधी और अखिलेश यादव की बड़ी चुनौती जमीनी कार्यकर्ताओं तक गठबंधन के महत्व को बताना था, जो एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते देखे गए थे। इस बार, दोनों ने सुनिश्चित किया कि स्थानीय पार्टी कार्यकर्ता गठबंधन को समझें, साथ मिलकर काम करें और सुनिश्चित करें कि इंडिया उम्मीदवार जीतें।
3. विशाल रैलियां: राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने Uttar Pradesh की लगभग सभी सीटों पर विशाल रैलियां कीं और उनके समर्थन का परिमाण युवा नेताओं को सुनने के लिए उमड़ी भारी संख्या में लोगों में दिखाई दे रहा था।
4. सही मुद्दे चुनना: राहुल गांधी का जाति जनगणना पर लगातार जोर देना और अग्निवीर जैसी योजनाओं पर हमला कुछ ऐसे संवेदनशील विषय थे जिन्होंने बीजेपी का खेल बदल दिया। कांग्रेस और सपा ने सत्ता विरोधी लहर को भुनाने के लिए स्थानीय मुद्दों को राष्ट्रीय मुद्दों के साथ जोड़ दिया।
5. जातिगत समीकरणों को साधने की कोशिश हुई। आरक्षण को मुद्दा बनाया गया। साथ ही साथ संविधान और लोकतंत्र को लेकर जमीन तक नया संदेश पहुंचाने की कोशिश की गई।
9. इसके अलावा पार्टी मेनिफेस्टो में कही गई बातों को भी दोनों ओर से लोगों तक पहुंचाई गई जिसमें हर महीने महिलाओं को 8500 देने की बात कही गई है। साथ ही साथ बेरोजगारी और महंगाई को लेकर भाजपा को घेरने की कोशिश की गई।
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