UP : सोनू सिंह पर अक्टूबर 2021 में अपने बड़े भाई बालेन्द्र सिंह की कुल्हाड़ी से हत्या का आरोप है। वह तीन साल से जेल में था। कोई उससे मिलने जेल नहीं जाता था। सोमवार को कोर्ट में पेशी के दौरान फरार हो गया। भाई की हत्या के आरोप में तीन साल से जेल में बंद एक बंदी सोमवार को पेशी के दौरान दीवानी कचहरी से भाग निकला। शाम को गिनती के दौरान उसके भागने का पता चला। उधर, एएसपी/सीओ कैंट अंशिका वर्मा की जांच रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने सुरक्षा में तैनात सिपाही राजरतन को सस्पेंड कर दिया। सिपाही पर केस भी दर्ज किया गया है।सिकरीगंज के बारीगांव के सोनू सिंह पर अक्टूबर 2021 में अपने बड़े भाई बालेन्द्र सिंह की कुल्हाड़ी से हत्या का आरोप है। 11 साल पहले सोनू पर अपने पिता की हत्या का भी केस दर्ज हुआ था। जमानत पर बाहर आने के बाद सोनू ने अपने बड़े भाई की भी हत्या कर दी। तभी से वह जेल में है। सोमवार को सोनू सिंह की कोर्ट में पेशी थी।
शराब की लत में बर्बाद कर दी जिंदगी सिकरीगंज क्षेत्र के बारीगांव निवासी SONU सोनू सिंह ने सम्पत्ति और पैसे के विवाद में अपने सगे बड़े भाई बलेन्दर सिंह की कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी थी। भाई की हत्या से करीब 11 साल पहले उसने अपने छोटे भाई इंस्पेक्टर सिंह के साथ मिलकर पिता नित्यानंद सिंह का भी कत्ल कर दिया था और शव को जमीन में गाड़ दिया था। बड़े भाई ने दोनों पर हत्या का केस दर्ज कराया था। शराब की लत से सब कुछ खत्म कर चुके सोनू सिंह को उसकी पत्नी अपने दो बच्चों के साथ छोड़कर कहीं और रहती है। कोई उससे मिलने जेल नहीं जाता था। बारीगांव निवासी स्व.नित्यानंद सिंह के चार बेटों में सोनू सिंह तीसरे नम्बर का है। अक्टूबर 2021 में उसने अपने बड़े भाई बलेन्दर सिंह की हत्या कर दी थी जबकि हत्या से पांच साल पहले दूसरे नम्बर के भाई बबलू सिंह ने नदी में कूद कर जान दे दी थी। बताया गया था कि शराब के नशे में बबलू के साथ यह घटना हुई थी।
पिता और भाई के मरने के बाद सभी भाइयों ने सम्पत्ति का बंटवारा कर लिया और खेत बेच कर सारा पैसा शराब में उड़ा दिए। दोनों की शादी हुई लेकिन इनके नशे की लत को देखकर पत्नियां इन्हें छोड़ कर चली गई। गांव में एक मकान बचा हुआ था उसको भी सोनू सिंह और इंस्पेक्टर सिंह ने भाई की हत्या से एक हफ्ते पहले बेच दिया था। वाहन में बैठाने के दौरान फरार हो गया बंदी सोनू GORKHPUR गोरखपुर। सोमवार को हत्यारोपी बंदी सोनू सिंह पेशी से फरार हो गया। सुबह दस बजे कैदी वाहन से उसे पेशी पर ले जाया गया था। बताया जा रहा है कि दीवानी कचहरी के जिस रास्ते से बंदियों को कचहरी के लॉकअप तक ले जाया जाता है, उस पर नाला निर्माण चल रहा है। लिहाजा कैदी वाहन सड़क पर खड़ाकर बंदियों को उतारा कर वहां से लॉकअप और फिर कोर्ट में पेश किया जा रहा था। सोनू सिंह को पेशी के बाद जेल लाने के लिए वाहन में बैठाया जा रहा था, इसी दौरान वह चकमा देकर भाग गया। बंदियों की गिनती के दौरान जब उसके गायब होने की जानकारी हुई, तब पुलिस अलर्ट हुई और पूरे शहर में चेकिंग शुरू की गई।
तीन साल से कोई नहीं आया जेल में मिलने सोनू सिंह को गोरखपुर जेल के बैरक नम्बर 22 में रखा गया था। जबसे वह जेल आया, उससे मिलने कोई नहीं आता। वह जेल में शांत बैठा रहता था। यहां तक की केस लड़ने के लिए उसके पास अधिवक्ता रखने तक की फीस नहीं थी। उसका केस सरकारी अधिवक्ता लड़ रहे थे। मुलाकात के लिए किसी के न आने पर कहता था कि उसका कोई नहीं है। सोनू सिंह के फरार होने के बाद जेल प्रशासन ने उसके बैरक में तलाशी लेने व बैरक के साथियों से पूछताछ की। यह पता लगाने की कोशिश की गई कि किसी से जिक्र तो नहीं किया था ।क्या बोले एसएसपी एसएसपी डॉ.गौरव ग्रोवर ने कहा कि बंदी सोनू सिंह पुलिस को चकमा देकर भाग गया है। इनमें जिन पुलिसकर्मियों की लापरवाही सामने आई है, उन्हें सस्पेंड SUSPEND कर दिया गया है। केस दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है जल्द ही सोनू सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।