यूपी : मां-बाप ने ही बेटे का झूठा अपहरण करवा दिया, पुलिस ने मौसी के घर से बरामद किया

Update: 2023-09-02 11:44 GMT
शिवपुरी की भौंती थाना पुलिस ने सात साल के मासूम बालक के अपहरण की झूठी कहानी रचने वाले मामले का पर्दाफाश किया है। मामले में पुलिस ने बालक को उसकी मौसी के घर से ही बरामद किया है। पुलिस ने बताया, मासूम बालक के पिता ने ही झूठी कहानी रचकर अपने विरोधियों को फंसाने की साजिश रची थी। मुखबिर से मिले सूचना के आधार पर पूरे मामले की जब पड़ताल की गई तो खुलासा हो गया। मामले में बालक के पिता और उसके परिवारजनों ने ही उसकी अपहरण की झूठी कहानी रची। पुलिस ने बालक को बरामद कर उसके पिता पर एफआईआर दर्ज की है।
मामले में पीड़ित मासूम की मां रामकुंवर पत्नी जालिम सिंह आदिवासी उम्र 29 साल निवासी ग्राम मुहार ने अपने पति के साथ थाने में जाकर अपने बेटे आशिक (7) की अज्ञात आरोपी द्वारा अपहरण करना बताया था। पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा-363 के तहत मामला दर्जकर विवेचना में ले लिया। पुलिस अधीक्षक रघुवंश सिंह भदौरिया द्वारा घटना को गंभीरता से लेते हुए एसडीओपी पिछोर प्रशांत शर्मा एवं थाना प्रभारी भौंती को अपहृत बालक दस्तयाब करने और अपराधियों की धरपकड़ के लिए निर्देशित किया था।
मामले में एसडीओपी पिछोर प्रशांत शर्मा द्वारा टेक्निकली और मैनुअली प्रकरण में कार्य किया और पता किया कि जाटव समाज के अभिषेक जाटव द्वारा थाना भौंती में आरोपीगण जालिम आदिवासी, ओमकार आदिवासी, रवीन्द्र आदिवासी के खिलाफ अदम चेक क्रमांक 150/23 धारा-323, 504 की कायम कराई। इस कारण फरियादी अभिषेक और उसके परिवारजनों को झूठा फंसाने के उद्देश्य से फरियादिया रामकुंवर और उसके पति जालिम, जालिम के साढू गिट्टू द्वारा षड्यंत्र रचकर कृत्य को अंजाम दिया गया। इस प्रकार मिले इनपुट के बाद एसडीओपी पिछोर ने पुलिस टीम गठित की, जिसमें अंशुल गुप्ता, रामनिवास शर्मा, पुष्पेन्द्र चौहान, राजेश शर्मा, धर्मवीर रावत, संजय धाकड़, रामप्रशाद गुर्जर ,कमल गुर्जर और कुलदीप को रवाना किया।
मौसी के घर पर मिला बालक
मामले में मासूम की काफी तलाश के बाद अपहृत बालक आशिक को उसके मौसा-मौसी के घर ग्राम बेलवावड़ी थाना खनियांधाना से दस्तयाब किया गया। उसके बाद अपहृत बालक और उसकी मौसी विस्सा आदिवासी का न्यायालय पिछोर में बयान लिए गए। इसमें दोनों ने स्वीकार किया कि जालिम आदिवासी ने ही अपने बेटे आशिक को अपने भतीजे आदराम आदिवासी के साथ पिछोर बस स्टैंड भेजा और अपने साढू गिट्टू से फोन पर बोला कि तुम बालक आशिक को आदराम से पिछोर बस स्टैंड से अपने घर ग्राम बेलवावड़ी ले जाना, इसके बारे में किसी को मत बताना।
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