UP: जेलों में बंदियों की बैरक आवंटित किए जाने की व्यवस्था में किया अब बदलाव

Update: 2024-11-18 15:09 GMT
AGRAआगरा : जेल में बंदियों को पहले दस दिनों तक अलग-अलग बार्क में रखा जाता है। इसके बाद उन्हें दूसरी बार बराक में जाने की व्यवस्था मिली। बैरक सफ़ाई के समय बंदियों के भेदभाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश करागार प्रशासन ने अब बैरक की संख्या के स्थान पर अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम के आधार पर विभाजन करने का निर्णय लिया है। बंदों में गुटबाजी, सामुहिक मसाला और साजिश के खतरे और प्रतिपक्षी प्लास्टिक जेल बंदियों में अलगाव शामिल हैं। वर्णमाला के आधार पर बंदियों को अलग बराक पार्ट मिलेगी। आगरा की सेंट्रल जेल में इस समय करीब 2275 बंदूकें बंद हैं। इसके अलावा कश्मीर और बांडीबन्दी भी बंद हैं। हाई इटालियन सेल में ऐसे डाउनलोड रखे जाते हैं। इनके लिए वर्णमाला क्रम लागू नहीं होगा। इसी तरह जिला जेल में करीब 2350 बंदी बंद हैं। इन बंदाइयों को नई व्यवस्था के तहत बराक प्लाट की जा रही हैं।
शिक्षा से लेकर संवर रहे बचपन आगरा के पीछे। जिला जेल में बंद महिला बंदियों के साथ रह रही आधी आबादी से अधिक बच्चों के लिए शिक्षा की विशेष व्यवस्था की गई है। जेल में किज जोन के माध्यम से स्मार्ट क्लास की शुरुआत की गई ताकि बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके और उनकी पढ़ाई में अनुशासन न आए। पाँच वर्ष से अधिक आयु के बच्चों का कॉन्वेंटेंट स्कूल में प्रवेश होता है। कैप्टन हरिओम शर्मा ने बताया कि जेल प्रशासन ने इन बच्चों के लिए शिक्षा और विकास का काम सुनिश्चित किया है, जिससे उनका बचपन संवर सके। जेलों में अब वर्णक्रम के बंदियों को बराक पार्ट की जा रही है। यह व्यवस्था लेकर आगरा-अलीगढ़ मंडल के जेल अधिकारियों को निर्देशित की गई है। जेलों में नई बंदियों को वर्णक्रम के आधार पर ही बैरकों में रखा जा रहा है। इससे जेलों में गुटबाजी पर टूट पड़ा।
पीएन पांडे उपमहानिरीक्षक करागार आगरा परिक्षेत्र महिला बंदियों पर यह व्यवस्था लागू नहीं होगी। आगरा जिले की जेल में महिला बंदियों की सिर्फ दो बार्क हैं। इस आधार पर अभी यह व्यवस्था लागू नहीं होगी। इसके अलावा सुरक्षा से जुड़े अन्य अपराधी पूर्व की विशिष्टता बैरकों में ही बचे। सात साल से अधिक की सजा के बाद बंदियों को सेंट्रल जेल में बंद किया जा रहा है, जिसमें मंडल भर की जेलें भी शामिल हैं। पिछले तीन महीनों में पिपरियात, एटा, स्टोन्स और मथुरा जिला जेलों से लगभग 350 बंदियाँ यहाँ लाई गई हैं। बंधक बंदियों की विशेष निगरानी की जा रही है, जिसके लिए ब्लूटूथ अधिकारी की जांच की गई है और जेल खुद लगातार निगरानी कर रही है। जेल प्रशासन का उद्देश्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना और बंदियों की जांच पर कड़ी नजर रखना है
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