UP News: सांप्रदायिक हिंसा,आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

Update: 2024-12-01 04:57 GMT
UP News: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के महराजगंज में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान भड़की हिंसा के दौरान एक युवक की हत्या के मामले में पुलिस ने फरार तीन इनामी अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया. दरअसल, 13 अक्टूबर को बहराइच जिले के हरदी थाना अंतर्गत महराजगंज कस्बे में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान डीजे पर गाना बजाने को लेकर हुए बवाल के दौरान गोली लगने से रेहुआ मंसूर गांव निवासी राम गोपाल मिश्रा (22) की मौत हो गई थी. इसके बाद 13 और 14 अक्टूबर को महसी, महराजगंज और बहराइच शहर में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी|
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि जुलूस के दौरान राम गोपाल मिश्रा (22) नामक युवक की नृशंस हत्या के इनामी अभियुक्त सैफ अली खान को लखनऊ के विभूति खंड थाना अंतर्गत कमता से और 10-10 हजार रुपये के इनामी शोएब और जावेद खान को बहराइच के हरदी थाना अंतर्गत सोतिया भट्टा नहर पुलिया से गिरफ्तार कर न्यायालय के जरिए जेल भेजा गया. पुलिस के अनुसार रामगोपाल हत्याकांड में दर्ज एक दर्जन मुकदमों और महाराजगंज हिंसा में दर्ज कुल 15 मुकदमों में अब तक करीब 125 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने बताया कि रामगोपाल मिश्रा हत्याकांड और उसके बाद फैली सांप्रदायिक हिंसा और अराजकता के संबंध में पुलिस लगातार साक्ष्य जुटा रही है। क्षेत्र की सभी दुकानों और घरों पर लगे सीसीटीवी फुटेज से प्राप्त वीडियो साक्ष्य और अन्य तकनीकी और डिजिटल साक्ष्यों के जरिए घटनाओं में शामिल सभी आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उनकी तलाश जारी है। उन्होंने बताया कि आज गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों की पहचान काफी पहले ही हो गई थी, उनकी गिरफ्तारी पर नकद इनाम रखा गया था। यूपी स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), हरदी थाना और बहराइच पुलिस की टीम ने संयुक्त प्रयास से आज लखनऊ और बहराइच से इन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
एक हजार से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ 15 मुकदमे दर्ज इससे पहले पुलिस अधीक्षक ने बताया था कि बहराइच में महाराजगंज हिंसा से जुड़ी घटनाओं के संबंध में पुलिस ने करीब एक दर्जन नामजद और एक हजार से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ कुल 15 मुकदमे दर्ज किए हैं। 1,000 से अधिक वीडियो फुटेज की वैज्ञानिक जांच एवं विश्लेषण के लिए सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के विशेषज्ञों की ग्यारह सदस्यीय विशेष टीम गठित की गई तथा एक अलग नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया, नियंत्रण कक्ष अभी भी काम कर रहा है, जांच एवं पूछताछ जारी है।
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