UP: मगरमच्छ से लड़ते हुए नाबालिग ने गंवाया हाथ, लेकिन अस्पताल में बेंच पर हुआ बच्चे का इलाज
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Lakhimpur Kheri लखीमपुर खीरी: उत्तर प्रदेश से एक ऐसी दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है जिसने मानवता और राज्य के स्वास्थ्य प्रशासन को शर्मसार कर दिया है. लखीमपुर खीरी जिले में एक बच्चे ने बिना डरे मगरमच्छ से मुकाबला कर अविश्वसनीय बहादुरी दिखाई. हालांकि, कई मिनट की जद्दोजहद के बाद बच्चे ने मगरमच्छ के कारण अपना एक हाथ खो दिया. जब बच्चे को इलाज के लिए निघासन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया तो सिस्टम ने उसे नाकाम कर दिया. बच्चे को बैठने के लिए बनी बेंच पर इलाज दिया गया और इस घटना से जो तस्वीर सामने आई है वो परेशान करने वाली है. बच्चे की गंभीर हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे आगे के इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर कर दिया है.
इंटरनेट पर एक वीडियो सामने आया है जिसमें देखा जा सकता है कि बच्चा एक बेंच पर लेटा हुआ है और उसकी मां उसका सिर पकड़कर बैठी है. बच्चे को बेंच पर ग्लूकोज की बोतल भी लगाई जा रही है जो मरीजों के परिजनों के लिए प्रतीक्षा क्षेत्र लगता है. बच्चे के कटे हुए हाथ पर पट्टी भी बंधी हुई दिखाई दे रही है. इस घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है क्योंकि बच्चे को अस्पताल के अधिकारियों की इस लापरवाही से गुजरना पड़ा. बच्चा मगरमच्छ से लड़ने में तो कामयाब रहा, लेकिन देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली के आगे वह हार गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, सिंगाही थाना क्षेत्र के ठाकुर पुरवा मजरा निवासी सोमबारी का 11 वर्षीय बेटा संकित कुमार शुक्रवार (28 जून) को अपनी मां के साथ गांव के बाहरी इलाके में घास लेने गया था। जैसे ही संकित तालाब के पास पहुंचा, पानी में छिपे एक बड़े मगरमच्छ ने उसे दबोच लिया। यह देख संकित की मां सहम गई और जोर-जोर से चिल्लाने लगी। उसने पास में पड़ी लाठी से मगरमच्छ को मारने की भी कोशिश की। लेकिन मगरमच्छ संकित को तालाब में घसीटता रहा। हालांकि, संकित पूरी ताकत से मगरमच्छ से लड़ता रहा। यह सिलसिला कई मिनट तक चलता रहा। मां की चीख-पुकार सुनकर लोग पहुंचे और किसी तरह लाठी-डंडों से संकित को मगरमच्छ के जबड़े से छुड़ाया। तब तक मगरमच्छ संकित का बायां हाथ चबा चुका था। बंगला तकिया