यूपी सरकार ने हजारों छात्रों को दिया 'उपहार', फैसले से मिलेगी बड़ी राहत

हजारों छात्रों को दिया उपहार

Update: 2022-07-19 08:54 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लखनऊ. उत्तर प्रदेश में हायर एजुकेशन की पढ़ाई करने वाले लाखों स्टूडेंटृस के लिए अच्छी खबर है. उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें बड़ी राहत प्रदान की है. सरकार ने स्टेट यूनिवर्सिटीज के लिए एक समान एग्जामिनेशन फीस स्ट्रक्चर तैयार कर दिया है. कहा जा रहा है कि इस कदम से अंडरग्रैजुएट कोर्सेज के लिए एग्जामिनेशन फीस स्ट्रक्चर में असमानता खत्म हो जाएगी. उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कहा गया है कि स्टेट यूनिवर्सिटीज 10 यूजी कोर्सेज के लिए प्रति सेमेस्टर एग्जामिनेशन फीस के रूप में ₹800 ही लेंगे. इन कोर्सेज में बीए बीएससी, बीकॉम, बीबीए, बीएससी, बीएड, बीजेएमसी, बीएफए, बीपीएड और वोकेशनल शामिल हैं.

वहीं एलएलबी, बीटेक, बीएससी एग्रीकल्चर आनर्स, बीएससी, बायोटेक और बैचलर ऑफ लाइब्रेरी साइंस जैसे 6 कोर्सेज के लिए एग्जामिनेशन फीस प्रति सेमेस्टर ₹1000 तय की गई है. ठीक इसी तरीके से डेंटल और नर्सिंग कोर्सेज बीएमएस/बीयूएमएस के लिए एग्जामिनेशन फीस प्रति सेमेस्टर 1500 रुपये निर्धारित की गई है. वर्तमान एकेडमिक ईयर से सामान फीस स्ट्रक्चर लागू कर दिया जाएगा. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अनुसार यूनिवर्सिटीज में सेमेस्टर सिस्टम शुरू कर दिया गया है. इसके बाद यूनिवर्सिटी एग्जामिनेशन फीस में इजाफे की मांग के प्रस्ताव को भेजा है. वह सरकार ने इस प्रस्ताव को लेकर फीस स्ट्रक्चर को लेकर यह कदम उठाया है.
उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव मनोज सिंह का कहना है कि सेमेस्टर सिस्टम लागू हो चुका है. इस वजह से यूनिवर्सिटीज को दो बार एग्जाम करवाने होंगे. ऐसे में क्वेश्चन पेपर और आंसर शीट को प्रिंट करने मूल्यांकन एग्जामिनर्स को पैसे देने, फ्लाइंग स्क्वायड और रिजल्ट को प्रिंट आउट कराने के खर्चे डबल हो जाएंगे. यूनिवर्सिटीज के लिए आय का सबसे बड़ा सोर्स स्टूडेंट से ली जाने वाली एग्जामिनेशन फीस है. इसे ध्यान में रखते हुए 6 सदस्य समिति ने इस में इजाफे के प्रस्ताव की जांच की. उसने पाया की यूनिवर्सिटीज में अलग-अलग यूजी और पीजी कोर्सेज के लिए एग्जामिनेशन फीस अलग-अलग है. इसलिए अलग-अलग फीस चार्ज करना तर्कहीन है. इसलिए एक समान फीस स्ट्रक्चर तय किया गया है.


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