यूपी बोर्ड ने स्कूलों को OMR शीट पर परीक्षा कराना बनी मुसीबत, फिर बदली परीक्षा की तारीख

यूपी बोर्ड के स्कूलों को कक्षा नौ के छात्रों की अर्द्घवार्षिक परीक्षा का एक भाग ओएमआर शीट पर करानी है।

Update: 2021-11-08 17:30 GMT

यूपी बोर्ड के स्कूलों को कक्षा नौ के छात्रों की अर्द्घवार्षिक परीक्षा का एक भाग ओएमआर शीट पर करानी है। इसको लेकर समस्या खड़ी हो गई है। खासकर सहायता प्राप्त और वित्तविहीन माध्यमिक विद्यालयों में। सहायता प्राप्त विद्यालयों को किसी प्रकार की ग्रांट नहीं मिलती और न ही वे छात्रोें से फीस वसूल सकते हैं। ऐसे में उनपर उत्तर पुस्तिका के अलावा ओएमआर शीट और प्रश्न पत्र छपवाने का भार आ गया है। इसके अलावा कई व्यवहारिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। ओएमआर शीट को स्कूलों को अपने स्तर से प्रबंध करना है, इसको लेकर बोर्ड की तरफ से स्पष्ट निर्देश नहीं दिए गए हैं। बोर्ड ने प्रत्येक स्कूल को ओएमआर शीट की सैंपल कॉपी भिजवा दी है।

यूपी बोर्ड अगले सत्र से बोर्ड परीक्षा ओएमआर शीट पर भी करवा सकता है। इसकी तैयारी इसी सत्र से शुरू हो गई है। सभी स्कूलों को कक्षा नौ के छात्रों की परीक्षा ओएमआर शीट पर भी करवाने का निर्देश दिया गया है। 70 अंकों की परीक्षा होगी। जिसमें से 20 अंक की परीक्षा ओएमआर शीट पर होगी। प्रश्न बहुविकल्पीय पूछे जाएंगे। वहीं 50 अंक की परीक्षा पूर्ण की भांति वर्णात्मक होगी। 30 अंक आंतरिक मूल्यांकन कै हैं।
ओएमआर शीट पर परीक्षा कराना सरकारी और वित्तविहीन विद्यालयों के समस्या खड़ी करने लगा है। इसके लिए बोर्ड न तो ग्रांट देगा और न ही ओएमआर शीट। इसको लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश भी जारी नहीं किए गए हैं। स्कूल अपने स्तर से बोर्ड के अधिकारियों व परीक्षा कार्यालय के कर्मचारियों से से सीधे संवाद कर इसके बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
बदलनी पड़ी परीक्षा तिथि
ओएमआर शीट पर परीक्षा का निर्देश जारी होने के बाद स्कूलों को अर्द्घवार्षिक परीक्षा की तिथि में बदलाव करना पड़ रहा है। स्कूलों ने परीक्षा की तिथि बढ़ा दी है। राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य धीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि 15 नवंबर से परीक्षा करानी थी। तैयारियां शुरू कर दी गईं थीं और छात्रों को जानकारी दे दी गई थी।
दो नवंबर को बोर्ड ने ओएमआर शीट पर भी परीक्षा कराने का निर्देश दिया। जिसके बाद प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका की छपवाई रुकवानी पड़ी। फिलहाल 15 से परीक्षा शुरू नहीं होगी। अब उत्तर पुस्तिका के साथ ओएमआर शीट भी छपवाना पड़ेगा। वहीं 20 अंकों का बहुविकल्पीय प्रश्न सम्मिलित करने के लिए प्रश्न पत्र में भी बदलाव करना पड़ेगा। विषयों के शिक्षकों को इसे बदलने के निर्देश दे दिए गए हैं।
खर्च स्कूलों के सिर पर
अतिरिक्त प्रश्न पत्र और ओएमआर शीट छपवाने का खर्च स्कूलों पर डाल दिया गया है। इसके लिए सरकारी स्कूलों को किसी भी प्रकार की ग्रांट नहीं दी जाएगी। सरकारी स्कूल में छात्रों से फीस नहीं ली जाती। अमीनाबाद इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य एसएल मिश्रा ने बताया कि अब एक ही विषय के दो-दो प्रश्न पत्र व उत्तर पुस्तिका छपवानी पड़ेगी। इसका अतिरिक्त भार हमें ही वहन करना है।
पहले ही दो-दो प्री बोर्ड परीक्षा कराने का खर्च किसी तरह से वहन किया जा रहा है। पहले प्री बोर्ड परीक्षा की व्यवस्था नहीं थी। कई व्यवहारिक समस्याएं भी उत्पन्न हो गई हैं। उत्तर पुस्तिका के अलावा ओएमआर शीट पर भी छात्रों को पूरा विवरण लिखना होगा। ओएमआर शीट पर ज्यादा लिखना होता है। प्रश्न पत्र भी दो बार पढ़ना होगा। इसके लिए छात्रों को परीक्षा के अलावा अतिरिक्त समय देना होगा। वहीं एक ही विषय का शिक्षक दो बार कॉपियों को जांचेगा। ऐसी कई व्यवहारिक समस्याओं को लेकर बोर्ड की तरफ से कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।
स्कूल अपने स्तर से बोर्ड के अधिकारियों से ले रहे जानकारी
ओएमआर शीट पर परीक्षा कराने को लेकर ज्यादा जानकारी न होने के चलते स्कूल अपने स्तर से बोर्ड के अधिकारियों से बात कर रहे हैं। राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य धीरेंद्र मिश्रा ने बताया कि बोर्ड ने केवल सैंपल ओएमआर शीट भेज दी, जिसको लेकर बोर्ड के अधिकारियों से बात करनी पड़ी। ओएमआर शीट कंप्यूटराइज्ड होती है लेकिन अधिकारियों ने इसे आम पेपर पर छपवाने के निर्देश दिए हैं। कॉपी भी आम तरीके से शिक्षकों से जंचवाने को कहा है। हर स्कूल अपने हिसाब से ओएमआर शीट का प्रबंध करेगा।
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