यूपी : शांतिपूर्वक प्रदर्शन के बाद कचहरी में घुसकर, पुलिस ने अधिवक्ताओं पर किया था लाठीचार्ज

Update: 2023-09-17 10:12 GMT
हापुड़ लाठीचार्ज मामले में न्यायिक कमेटी के समक्ष उपस्थित हुए अधिवक्ताओं ने अपनी शिकायतें दर्ज कराईं। साथ ही घटना से जुड़े साक्ष्य भी प्रस्तुत किए। अधिवक्ताओं ने कहा कि शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर चुके थे। इसके बाद सभी अधिवक्ता अपने-अपने काम में व्यस्त हो गए। इसके बाद अचानक पहुंची पुलिस ने अधिवक्ताओं पर बर्बरतापूर्वक कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज कर दिया। हमले में 30 अधिवक्ता घायल हुए।
 पुलिस ने महिला अधिवक्ताओं को भी नहीं छोड़ा। घटना को लेकर उनकी मांगे अभी पूरी नहीं हुई हैं। इसलिए वह न्यायिक कार्य से विरत हैं। न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता की अगुवाई में शिकायतों को सुनने के लिए बैठी कमेटी के सदस्य न्यायमूर्ति राजन राय, न्यायमूर्ति फैज आलम खान, इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, अवध बार एसोसिएशन अध्यक्ष आनंद मणि त्रिपाठी, बार कौंसिल अध्यक्ष शिव किशोर गौड़, महाधिवक्ता के प्रतिनिधि अपर महाधिवक्ता अनिल प्रताप सिंह ने शिकायतों को सुना और उसे रिकॉर्ड पर दर्ज किया।
न्यायिक कमेटी के समक्ष उपस्थित हापुड़ बार एसोसिएशन अध्यक्ष एनुल हक ने बताया कि 29 सितंबर को लाठीचार्ज के दो दिन पहले एक महिला अधिवक्ता और पुलिसकर्मी में झड़प हुई थी। उसके बाद पुलिस ने महिला अधिवक्ता और उसके पिता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उन्हें कस्टडी में ले लिया।
महिला अधिवक्ता की शिकायत पर एफआईआर नहीं दर्ज की गई। बार की तरफ से प्राथमिकी दर्ज करने का ज्ञापन देकर 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया, लेकिन पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की। इसके बाद अधिवक्ताओं ने 29 अगस्त को शांतिपूवर्क प्रदर्शन कर अपने काम में व्यस्त हो गए। कुछ अधिवक्ता घर जाने की तैयारी में थे।
तभी बड़ी संख्या में पहुंची पुलिस ने कचहरी परिसर में घुसकर अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज कर दिया। कुल 30 अधिवक्ता घायल हुए। 13 अधिवक्ताओं ने सरकारी अस्पतालों में उपचार कराया है। बाकी निजी अस्पताल में उपचार कराया। अध्यक्ष के साथ पहुंचे अधिवक्ता अजीत चौधरी अपनी चोट कमेटी को दिखाई। इसके अलावा कुछ अधिवक्ताओं ने ऑनलाइन भी अपनी शिकायतों को दर्ज कराते हुए शरीर में लगी चोट को दिखाया।
न्यायिक कमेटी ने हापुड़ अधिवक्ताओं की शिकायत पर कई सारे सवाल खड़े किए। अधिवक्ताओं की ओर से उसका जवाब भी दिया गया। उन्होंने अपने बात के समर्थन में कई साक्ष्य के तौर पर वीडियो फुटेज, दस्तावेज, हलफनामा आदि भी प्रस्तुत किया। कहा कि ये सब प्रमाण सोशल मीडिया पर प्रसारित हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अध्यक्ष अशोक सिंह ने बताया कि कमेटी ने पीड़ित अधिवक्ताओं की शिकायतों को दर्ज कर ऑनलाइन रिकॉर्ड पर ले लिया है। 18 सितंबर को यह रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। इसी दिन एसआईटी भी अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी।
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