पानी से फैल रही अनोखी बीमारी, जांच में हुआ खुलासा

Update: 2022-11-10 09:01 GMT

सरधना न्यूज़: क्षेत्र के मंडी चमारान मोहल्ले में फैल रही बीमारी कम होने का नाम नहीं ले रही है। बुधवार को भी मरीजों की संख्या में कोइ कमी नहीं आई। दर्जनों मरीजों में 13 मरीज अकेले सीएचसी से मेरठ रेफर किए गए। वहीं जांच में उलझे अधिकारियों के लिए बुधावर का दिन राहत भरा रहा। पानी की बायोलोजिक जांच से स्पष्ट हो गया कि बीमारी फैलने का कारण दूषित पानी है। जांच रिपोर्ट में फिकल कोली यानी पाइप लाइन में दूषित पानी आना पता चला है। वहीं मरीजों के ब्लड और स्टूल सैंपल की जांच ने भी इसी बात की पुष्टि की है। जिसके चलते बुधवार को तय किया गया कि बस्ती में टंकी की नई पाइप लाइन बिछवाई जाएगी। क्योंकि लिकीज तलाश करने समय लगेगा और उसके बाद भी स्थिति स्पष्ट नहीं होने के डर से अधिकारियों ने सीधे तौर पर नई पाइप लाइन बिछवाना ठीक समझा।

गौरतलब है कि सरधना के मंडी चमारान मोहल्ले में उल्टी-दस्त की बीमारी कई दिन से तांडव मचा रही है। सैंकड़ों लोग अब तक बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। बात फैल गई कि दूषित पानी के कारण बीमारी फैल रही है। प्रशासन द्वारा पानी की सामान्य जांच कराई गई। जिसमें पानी सही पाया गया। मगर बीमारी लगातार फैलती जा रही थी। यानी मरीजों की संख्या में कोई कमी नहीं आई। बुधवार को भी यहीं काल रहा। वहीं प्रशासन द्वारा जांच के लिए भेजे गए पानी के सैंपल की बायोलोजिक जांच हुई तो पता चला कि दूषित पानी के कारण ही बीमारी फैल रही है। जांच रिपोर्ट में फिकल कोली यानी पाइप लाइन में दूषित पानी आना पाया गया। वहीं मरीजों की ब्लड व स्टूल टेस्ट की रिपोर्ट में भी बीमारी का कारण यहीं आया। दोनों जांच रिपोर्ट ने मेल खया तो स्थिति स्पष्ट हो गई। बुधवार को डीएम दीपक मीणा ने सरधना पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। समस्या पकड़ में आने के बाद तय किया गया कि बस्ती में टंकी की नई पाइप लाइन बिछाई जाए। क्योंकि पुरानी लाइन खोदने और उसकी जांच कराने में लंबा समय लगेगा। उसके बाद भी कोई गारंटी नहीं है कि लिकीज पकड़ में आ जाए। फिलहाल में कोई खास सुधार नजर नहीं आ रहा है। बुधवार को करीब 30 से अधिक मरीज अकेले सीएचसी में पहुंचे। जहां से 13 मरीजों को जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया।

रासायनिक जांच में नहीं पकड़ी गई समस्या: अब तक प्रशासन द्वारा पानी की रासायनिक जांच कराई जा रही थी। एक तरह से सामान्य जांच इसे कहा जा सकता है। जिसमें समस्या पकड़ में नहीं आ रही थी। वहीं दो दिन से प्रशासन ने पानी की बायोलोजिक जांच के लिए भी सैंपल भेज रखा था। जिसकी रिपोर्ट बुधवार को आई। गहनता से हुई जांच में पाया गया कि पाइप लाइन में दूषित पानी जा रहा है। तकनीकि तौर पर रिपोर्ट में फिकल कोली आया। जिसे पाइप लाइन में दूषित पानी जाना कहा जा सकता है।

मरीजों की मदद का दिया आश्वासन: बस्ती में पहुंचे डीएम दीपक मीणा से लोगों ने बताया कि अधिकांश लोग ऐसे हैं जो आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हैं। ऐसे लोग अपना ईलाज कराने में समक्ष नहीं हो पा रहे हैं। इस पर डीएम ने कहा कि ऐसे लोगों की सूची तैयार करके उनके यहां भेज दें। उनकी हर संभव मदद कराई जाएगी।

पुरानी उखाड़ने के बजाए नई बिछाना ठीक: पहले अधिकारियों ने सोचा कि लाइन को चेक कराया जाए कि पाइप कहां से लिकीज हो रहा है। मगर इस प्रक्रिया में समय ज्यादा लगता और पूरी बस्ती की सड़कें खुदकर बेकार हो जाती। प्रशासन ने तय किया कि पुरानी लाइन को बंद करके बस्ती में टंकी की नई पाइप लाइन बिछाना बेहतर रहेगा। ताकि जल्द से जल्द स्थिति को काबू में किया जा सके।

मरीजों की रिपोर्ट भी खा रही मेल: मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीमार पड़े लोगों के ब्लड व स्टूल टेस्ट के लिए सैंपल जिले पर भेजे गए थे। बुधवार को इसकी रिपोर्ट आई तो पता चला कि बीमार होने का कारण दूषित पानी का सेवन करना है। इस तरह दोनों ही रिपोर्ट आपस में मेल खा रही है। जिससे यह पूरी तरह स्पष्ट हो जाता है कि बीमार फैलने का कारण दूषित पानी का सेवन करना है। दोनों रिपोर्ट आने के बाद प्रशस ने इस ओर काम करना शुरू कर दिया है।

बायोलोजिकल जांच में सामने आया कि टंकी की पाइप लाइन में दूषित पानी जा रहा है। इसलिए अब बस्ती में टंकी की नई पाइप लाइन बिछवाने का कार्य कराने का निर्णय लिया गया है। ताकि लोगों को बीमारी से बचाया जा सके। क्योंकि पुरानी लाइन चेक कराने में अधिक समय लग सकता है और इसके बाद भी पक्का नहीं है कि लिकीज पकड़ में आए।

-सत्यप्रकाश, एसडीएम सरधना

कुछ मरीजों के ब्लड व स्टूल टेस्ट के लिए सैंपल लैब भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट के मुताबिक बीमारी फैलने का कारण दूषित पानी का सेवन करना सामने आ रहा है। मरीजों का गंभीरता के साथ इलाज कराया जा रहा है। बस्ती में कैंप भी लगवाया गया है।

-अखिलेश मोहन, सीएमओ मेरठ

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