केंद्रीय मंत्री 'टेनी' की लखनऊ हाईकोर्ट से गुजारिश, प्रभात हत्याकांड केस इलाहाबाद ट्रांसफर कर दिया जाए

बड़ी खबर

Update: 2022-08-22 11:25 GMT
लखनऊ। सोमवार को हाईकोर्ट लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट में प्रभात हत्याकांड मामले की सुनवाई हुई। इस बार भी मंत्री टेनी ने 22 साल पुराने प्रभात हत्याकांड में नया दांव खेल दिया है। सोमवार को इस हत्याकांड में हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच से फैसला आना था, लेकिन मंत्री के वकील ने केस ट्रांसफर करने की एप्लिकेशन चीफ जस्टिस के यहां लगा दी। लिखा कि केस को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया जाए। ऐसे में जस्टिस रमेश सिन्हा और रेनू अग्रवाल की डबल बेंच ने मामले की सुनवाई की अगली डेट 6 सितंबर दे दी है। ये पांचवीं बार है जब फैसला आने की तारीख पर नई तारीख मिल गई है।
लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रनेता की हुई थी हत्या
गौरतलब है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रनेता रहे प्रभात गुप्ता की आठ जुलाई 2000 को तिकुनिया में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें अजय मिश्र टेनी समेत चार लोग नामजद हुए थे। 29 मार्च 2004 को लखीमपुर न्यायालय से अजय मिश्र टेनी को दोषमुक्त कर दिया गया था। इसके खिलाफ मृतक के पिता संतोष गुप्ता ने रिवीजन हाईकोर्ट में दाखिल कर जिला न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी। 2013 में चीफ जस्टिस के आदेश पर मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई और 2018 में डबल बेंच के सामने मुकदमे की सुनवाई पूरी हुई और आदेश सुरक्षित किया गया। छह माह बाद भी फैसला न आने पर मृतक के भाई राजीव गुप्ता ने फैसला न आने के कारण अपील दाखिल की, जिसमें बहस के बाद प्रभात हत्याकांड की सुनवाई फिर से करने का आदेश हुआ।
इस बीच चार साल तक सुनवाई की तारीख नहीं मिली, जिससे जनवरी 2022 को सर्वोच्च न्यायालय में रिट दाखिल की गई। वहीं पुन: हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए आवेदन किया गया, जिस पर न्यायाधीश रमेश सिन्हा एवं सरोज यादव की डबल बेंच ने सात अप्रैल 2022 को सुनवाई के बाद 16 मई को फाइनल सुनवाई का आदेश दिया, लेकिन इस दिन टेनी के वकील छुट्टी पर चले गए। इसके बाद 24 मई, फिर 31 मई 2022 की डेट लगी, लेकिन वकील छुट्टी पर चले गए। इस पर डबल बेंच ने 20 जुलाई को अंतिम सुनवाई लगाई गई, जिसमें टेनी की ओर से बताया गया कि उन के वकील सलिल श्रीवास्तव को कोविड संक्रमण हो गया है। इसलिए एक महीना बाद की तारीख दी जाए।
22 अगस्त 2022 को अंतिम सुनवाई का आदेश जारी
इस पर वादी राजीव गुप्ता के वकील ज्योतेंद्र मिश्रा एवं सुशील कुमार सिंह ने आपत्ति जताई थी कि 11 जुलाई 2022 के आदेश में उल्लिखित है कि सलिल श्रीवास्तव बहस नहीं करेंगे, बल्कि गोपाल चतुर्वेदी अंतिम बहस करेंगे। इसलिए 20 जुलाई को ही सुनवाई की मांग की गई थी, लेकिन कोर्ट ने कोविड की रिपोर्ट मानते हुए अगली 22 अगस्त 2022 को अंतिम सुनवाई का आदेश जारी किया था। लिहाजा सोमवार को होने वाली अंतिम सुनवाई के बाद आने वाले फैसले पर सभी की निगाहें लगी हुईं हैं। वादी राजीव गुप्ता ने कहा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को प्रभात गुप्ता की हत्या में सजा हो सकती है। इसलिए टेनी अंतिम सुनवाई को किसी तरह रोकने का प्रयास कर रहे हैं।
Tags:    

Similar News

-->