इलाहाबाद न्यूज़: उमेश पाल की हत्या से पहले अतीक ने कचहरी में भी अपना एक मुखबिर तैयार किया था. उसे भी आईफोन दिया गया था. उसकी आईडी भी अतीक के बेटे ने बनाई थी. जेल से आईफोन के फेसटाइम एप पर बातचीत होती थी. इसी तथाकथित अधिवक्ता ने उमेश पाल की मुखबिरी की थी. पुलिस को ये अहम जानकारी एक मोबाइल की डिटेल से मिली है.
उसी नंबर से शूटरों को उमेश पाल की फोटो शेयर की गई थी. इसी मामले में पूछताछ के लिए जल्द ही जेल में बंद अतीक के अधिवक्ता खान सौलत हनीफ को पुलिस कस्डटी रिमांड पर लिया जाएगा.
पुलिस ने बताया कि अतीक गैंग के लिए काम करने वाले अधिवक्ता खान सौलत हनीफ को अतीक अहमद के साथ ही उमेश पाल अपहरण केस में सजा हुई है. पुलिस को एक मोबाइल की डिटेल से पता चला है कि सौलत चाचा के नाम से कोई नंबर सेव था. उसी नंबर से उमेश पाल की कई फोटो शूटरों को 23 फरवरी से पहले भेजी गई थी. 24 फरवरी 2023 को उमेश पाल कोर्ट में गए थे. उनके कचहरी से निकलते ही आईफोन से शूटरों को ये अहम जानकारी शेयर की गई थी. इसी के बाद शूटर तत्काल उमेश पाल के घर के पास पहुंच गए. जैसे ही उमेश पाल की गाड़ी पहुंची कि अचानक से सामने आ गए. उमेश पाल और उसके दोनों सुरक्षाकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने उस वकील के नाम का खुलासा नहीं किया है जिसने शूटरों को जानकारी दी थी.