झाँसी न्यूज़: होली त्योहार को देखते हुए दूध और दूध से बने सामानों की खपत बढ़जाती है. जिसकी पूर्ति करने के लिए मानकों की पटरी से उतर कर मिलावटखोर दुग्ध उत्पादों में मिलावट करते है. बीते साल सेंपलों की जांच रिपोर्ट में पचास फीसदी सेंपल फेल रहे. त्योहार को लेकर अब फिर खाद्य विभाग तैयार हो गया है. दो टीमों का गठन कर दिया. ग्रामीण और शहरी इलाकों में अलग अलग टीमें भ्रमण करेंगी. लोगों को घरेलू उपाय से भी जांच पड़ताल के लिए सजग भी करेगी.
होली पर ठंडाई समेत खोया की गुझिया का चलन ज्यादा रहता है. हर रोज दूध की खपत से अधिक खपत होती है. इसके लिए खाद्य विभाग अपनी पड़ताल शुरू करती है. विभागीय टीमों ने बीते साल की होली त्योहार पर 32 सेंपल लिए थे. इन सेंपलों की जांच 16 सेंपल अधोमानक के निकले थे. जैसे कि दूध में पानी की मिलावट मिली थी और फैट पर्याप्त नहीं था. नमकीन की कचरी में खाने वाले कलर की मिलावट मिली थी.
खाद्य विभाग के अभिहीत अधिकारी चितरंजन दास ने बताया कि जनपद में दूध की खपत जिले से सटे मध्य प्रदेश के गांवों से भी आता है. पिछले तीन साल में सिंथेटिक दूध का एक भी सेंपल नहीं पकड़ा गया. दूध में पानी की मिलावट पाई गई है.
ऐसे करें घर में चेक:
दूध में पानी मिला या नहीं चेक करने घर में देखें इसके लिए घर मे ंशीशे की प्लेट लें और एक बूंद दूध की गिराएं. दूध की बूंद को चिकना या चमकदार तिरछी सतह पर डालने पर शुद्ध दूध की बूंद सफेद बूंद का निशान छोड़ती. पानी मिला दूध तेजी से बहता और निशान नहीं छोड़ता. खोया की जांच के लिए कुछ बूंद टिंचर या आयोडीन की डालें तो मिलावटी में रंग नीला हो जाएगा.
मोबाइल वैन भी घूमेगी:
खाद्य विभाग ने जांच अभियान शुरू कर दिया और यह अभियान आगामी छह मार्च तक चलेगा. इसमें सेंपलों की जांच होगी. सेंपल फेल पर कार्रवाई होगी.