उच्च शिक्षा के लिए दो दिवसीय कार्यशाला समर्थ से सामर्थ्य का शुभारंभ किया गया

डेटा के लिए विश्वविद्यालय नहीं रहेंगे निर्भर: डॉ.सुधीर

Update: 2024-05-03 05:42 GMT

मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ में उच्च शिक्षा के लिए समर्थ पोर्टल को प्रदेश में क्रियान्वित करने पर मंथन के लिए दो दिवसीय कार्यशाला समर्थ से सामर्थ्य का शुभारंभ किया गया. शिक्षा मंत्रालय की पहल पर समर्थ पोर्टल की मदद से राज्य विश्वविद्यालयों में इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) स्थापित की जानी है, इस बारे में बताया गया.

कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ सुधीर महादेव बोबडे ने समर्थ पोर्टल का आरंभ, उद्देश्य, लाभ और महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि यह पोर्टल पिछले पांच वर्षों से केंद्रीय विश्वविद्यालयों में संचालित हो रहा है, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. ऐसे में इस पोर्टल को उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में लागू करने का यह सही समय है.

डेटा के लिए विश्वविद्यालय किसी पर निर्भर नहीं रहेंगे. इस पोर्टल पर उनका डेटा न सिर्फ सुरक्षित रहेगा बल्कि एक क्लिक पर कहीं से भी उपलब्ध होगा. यह पोर्टल विश्वविद्यालयों की 14 जनहित गारंटी सेवाओं को पूरा करने में भी सहायक होगा. उन्होंने सभी विवि को नए सत्र से पोर्टल लागू करने के लिए तैयारी के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में समर्थ पोर्टल उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी छलांग साबित होगा. कार्याधिकारी शिक्षा राज्यपाल डॉ. पंकज एल. जॉनी ने कहा कि परीक्षा से परिणाम तक विश्वसनीयता और पारदर्शिता लाने के लिए समर्थ पोर्टल सबसे उपयोगी हैं. इस पोर्टल के लागू होने के बाद विश्वविद्यालयों के कई तरह के खर्चे कम हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह पोर्टल न केवल विश्वविद्यालयों को डिजिटल रूप से सुचारू रूप से चलाने में सहायक है, बल्कि इसके कई अन्य लाभ भी होंगे.

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