यमुना में नहाने के दौरान दो भाइयों की डूबकर मौत, परिजनों में मची कोहराम

यमुना में नहाने के दौरान दो भाइयों की डूबकर मौत

Update: 2022-06-04 18:56 GMT

औरैया जिले में सदर कोतवाली क्षेत्र के अस्ता गांव के पास यमुना में नहाने के दौरान फुफेरे व ममेरे भाई डूब गए। आसपास मौजूद ग्रामीण आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दोनों को पानी से निकालकर 50 शैया युक्त जिला अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

शनिवार दोपहर डेढ़ बजे गांव मानपुर निवासी आनंद प्रताप (28) पुत्र ब्रजेंद्र कुमार छोटे भाई गजेंद्र सिंह व बुआ के पुत्र औरैया के मोहल्ला नई बस्ती पढ़ीन दरवाजा निवासी अनुज कुमार (25) पुत्र दिनेश सिंह के साथ यमुना में नहाने गया था। उनके साथ आनंद के चाचा दुर्गेश कुमार भी गए थे।
आनंद, गजेंद्र व अनुज यमुना में नहाने लगे। किनारे खड़े चाचा दुर्गेश ने उन्हें पानी में आगे जाने से मना किया लेकिन आनंद व अनुज थोड़ा दूर चले गए। अचानक दोनों पानी के तेज बहाव में फंसकर बहने लगे। तैरना न आने के कारण वह पानी में डूबने लगे। यह देख साथ में नहा रहा भाई गजेंद्र चिल्लाकर मदद मांगने लगा।
गजेंद्र की आवाज सुनकर आसपास मौजूद ग्रामीण दौड़कर पहुंचे और युवकों को बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी। जब तक बचाने वाले ग्रामीण उन तक पहुंच पाते, दोनों पानी की गहराई में समा गए। आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने दोनों को बाहर निकाला और 50 शैया युक्त जिला अस्पताल औरैया ले गए।
वहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। युवकों की मौत से परिजनों में कोहराम मच हुआ है। एसडीएम मनोज सिंह, सीओ अजीतमल प्रदीप कुमार ने अस्पताल पहुंचकर घटनाक्रम की जानकारी ली। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक रवि श्रीवास्तव ने दोनों युवकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
ममेरे भाई की वरीक्षा में आया था अनुज
मानपुर निवासी दिनेश के छोटे पुत्र ज्ञानेंद्र की शुक्रवार को वरीक्षा थी। ममेरे भाई की वरीक्षा में शामिल होने अनुज आया था। गर्मी ज्यादा होने पर शनिवार को ममेरे भाइयों के साथ यमुना नदी में स्नान करने गया था। तभी आनंद के साथ खुद अनुज यमुना के पानी की गहराई में डूब गया। मृतक आनंद के एक पुत्र व एक पुत्री है। वह खेती करता था।
बात मान जाते तो बच जाती जान
मृतक आनंद प्रताप के चाचा दुर्गेश ने बताया कि उन्होंने यमुना में नहा रहे आनंद, गजेंद्र व अनुज को कई बार बाहर निकल कर घर चलने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने एक न सुनी। यदि बात मान लेते तो यह हादसा न होता।

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