हत्या के दो आरोपी को मिला आजीवन कारावास की सजा

Update: 2022-09-08 14:18 GMT
कन्नौज। विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट आनंद प्रकाश द्वितीय ने हत्या के दोषसिद्ध दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास तथा 53000-53000 रुपये के जुर्माने से दंडित किया है। जुर्माना अदा न करने पर दो-दो माह की जेल और भुगतनी होगी। मामले की पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता सुधीर कुमार पांडेय ने बताया कि मुन्नू जाटव पुत्र श्रीकृष्ण, निवासी गटइयाखेड़ा, चौकी नौरंगपुर, थाना गुरसहायगंज ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि दो नवंबर 2013 को उसका भाई जयचंद्र ग्राम इंदुइया गया था।
पता चला है कि उसके साथ गांव के इकरार, अन्सार पुत्रगण निसार भी थे। इकरार घर पहुंच गया लेकिन जयचंद्र नहीं पहुंचा। जब इस बारे में इकरार व अन्सार से पूछा तो उन्होंने जानकारी से इनकार कर दिया। इस पर उसने इंदुइया जाकर जानकारी की तो लोगों ने बताया कि इकरार नाव से कूदा था और नदी पार हो गया जबकि जयचंद्र डूब गया था। गांव वालों के साथ उसने भी नदी में खोजबीन की लेकिन भाई का पता नहीं चला।
शव बरामद होने के बाद मुन्नू ने 6 नवंबर 2013 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि आरोपी इकरार व अन्सार उसके भाई जयचंद्र को दो नवंबर को बुलाकर ले गए थे। इसके बाद भाई घर नहीं आया। जब वह पूछने गया तो उसे गालीगलौज कर भगा दिया। गांव के ही बिरजू ने दो नवंबर को शाम सात बजे आरोपियों को भाई को पीटते देखने की बात बताई। उसने विरोध पर उसे भी गालियां देकर अपमानित किया। इसी दिन रामकुशोर ने भी रामचंद्र को आरोपियों द्वारा घसीटते देखे जाने की बात कही।
इन लोगों ने यह सारी बातें उसे तीन नवंबर को बताईं। जब वह आरोपियों के घर गया तो उन्होंने जातिसूचक गालियां देते हुए पूरे परिवार को मारने की धमकी दी। 4 नवंबर को भाई का शव नदी से बरामद हुआ। पोस्टमार्टम में भाई के शरीर पर गंभीर चोटें आने से मौत की पुष्टि हुई।
मामले की विवेचना के बाद सुनवाई पूरी होने पर न्यायाधीश ने अंसार व इकरार को दोषी पाते हुए हत्या, एससी एसटी एक्ट व अन्य धाराओं में उम्रकैद की सजा से दंडित किया। साथ ही 53-53 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
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