ट्रिपलआईटी के एमटेक के छात्र ने बनाई स्वदेशी सस्ती स्मार्ट घड़ी

भारत सरकार ने एमटेक छात्र पंकज कुमार को 50 लाख रुपये की ग्रांट प्रदान की

Update: 2024-04-27 08:09 GMT

इलाहाबाद: भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद ( ट्रिपलआईटी ) के एमटेक छात्र पंकज कुमार ने एक ऐसी स्वदेशी स्मार्ट घड़ी बनाई है जो न केवल पहनने वाले के स्वास्थ्य पर पैनी नजर रखेगी, बल्कि उसके स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी डॉक्टर और परिजन को भी समय-समय पर भेजती रहेगी. यह स्मार्ट घड़ी बाजार में बिकने वाली अन्य स्मार्ट घड़ियों से कई गुना सस्ती होगी. इसके लिए भारत सरकार ने एमटेक छात्र पंकज कुमार को 50 लाख रुपये की ग्रांट प्रदान की है.

इस घड़ी की कीमत लगभग पांच हजार रुपये होगी. इससे बुजुर्गों की देखभाल में आसानी होगी. यह स्मार्ट घड़ी बुजुर्ग के शरीर के सम्पर्क में रहेगी और डिवाइस की मदद से संबंधित शख्स के स्वास्थ्य का डाटा डॉक्टर और परिजनों के मोबाइल पर अपलोड हो जाएगा. इससे डॉक्टर और परिजन मरीज से दूर रहते हुए भी उसके स्वास्थ्य की लगातार निगरानी कर सकेंगे. स्मार्ट वॉच का व्यावसायिक प्रोटोटाइप तैयार कर इसका परीक्षण किया जा रहा है. अंतिम रूप देने के बाद इसे सार्वजनिक उपयोग के लिए अगले साल बाजार में उतारे जाने की योजना है.

पढ़ाई के दौरान शुरू किया था स्टार्टअप पंकज ने पढ़ाई के दौरान स्टार्टअप के जरिए सिनैप्सो नाम से कंपनी शुरू की थी. संस्थान के डॉ. अखिलेश तिवारी के निर्देशन में पंकज ने स्वास्थ्य सेवा उन्नति (दूरस्थ रोगियों की निगरानी प्रणाली) के क्षेत्र में काम शुरू किया. स्मार्ट वॉच प्रोजेक्ट के लिए उन्हें भारत सरकार से 50 लाख रुपये की ग्रांट मिली. इससे पंकज ने स्वदेशी स्मार्ट वॉच तैयार किया है. पंकज ने बताया कि स्मार्ट घड़ी किसी भी आपातकालीन चिकित्सा स्थिति के मामले में डॉक्टर और उसके परिवार के सदस्य को अलर्ट / कॉल प्रदान करने में सक्षम है. इससे मरीज की जीवन सुरक्षा के लिए आवश्यक आपातकालीन कदम उठाया जा सकेगा. यह मरीज की लाइव लोकेशन भेजने में भी सक्षम है.

70 लाख के लिए फिर से भेजा है प्रस्ताव: प्रोजेक्ट को मूर्त रूप देने के लिए पंकज ने सरकार को 70 लाख रुपये का एक प्रस्ताव बनाकर भेजा है. पंकज ने बताया कि भारतीय स्वास्थ्य सेवा में बेहतरी की बहुत गुंजाइश है. उन्नत चिकित्सा प्रणाली की कमी के कारण भारत के दूरदराज क्षेत्र के लोग त्वरित और बेहतर चिकित्सा सुविधा पाने में विफल हो रहे हैं.

Tags:    

Similar News