गोरखपुर न्यूज़: रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) में जीनोम सीक्वेंसिंग की तैयारियां शुरू हो गई हैं. अगले पखवारे से इसका ट्रॉयल शुरू हो जाएगा. करीब दो महीने ट्रॉयल चलेगा. संस्थान के तीन वैज्ञानिकों का विशेष दल पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु संस्थान (एनआईवी) से विशेष ट्रेनिंग लेकर लौट आया है. ट्रेनिंग के बाद आरएमआरसी ने जीनोम सिक्वेंसिंग का फैसला लिया है. अब जिले में कोरोना के पॉजिटिव मरीज मिलते हैं, तो जीनोम सीक्वेंसिंग जांच के लिए नमूना बाहर नहीं भेजा जाएगा.
जीनोम सीक्वेंसिंग जांच के लिए सबसे ज्यादा जरूरत जीन सिक्वेसिंग मशीन की होती है. आरएमआरसी में जीन सिक्वेंसिंग मशीन लग चुकी है. इसके अलावा आरटीपीसीआर की तीन व मशीनें हैं. तीन आरएनए एक्सट्रैक्टर भी लग गया है. आवश्यक रसायन और किट भी संस्थान में उपलब्ध है. आरएमआरसी के मीडिया प्रभारी डॉ. अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. हीरावती देवल की अगुवाई में तीन सदस्यीय टीम ट्रेनिंग लेकर लौट आई है. यह टीम नए वैरिएंट की पहचान के लिए सिक्वेंसिंग के तरीके सीख चुकी है. टीम द्वारा ट्रेनिंग पूरी करने के बाद आरएमआरसी में जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू की जाएगी.