नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार सभी की निगाहें मुस्लिम बहुल सीटों पर है, जहां पर सपा, बसपा, कांग्रेस की साख दांव पर है तो बीजेपी भी सेंधमारी के लिए हरसंभव की है. 2017 के चुनाव में इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात ये थी कि बीजेपी ने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों या सीटों पर जीत हासिल की थी, जिसकी किसी ने उम्मीद भी नहीं की थी. बीजेपी ने 82 में से 62 ऐसी सीटों पर जीत हासिल की थी, जहां मुस्लिम वोटरों की आबादी एक तिहाई है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में करीब 20 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं. सूबे की कुल 403 सीटों में से 143 सीटों पर मुस्लिम अपना असर रखते हैं. इनमें से 70 सीटों पर मुस्लिम आबादी बीस से तीस फीसद के बीच है. 73 सीटें ऐसी हैं जहां मुसलमान तीस फीसद से ज्यादा है. सूबे की करीब तीन दर्जन ऐसी विधानसभा सीटें हैं, जहां मुस्लिम उम्मीदवार अपने दम पर जीत दर्ज कर सकते हैं जबकि करीब 107 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां अल्पसंख्यक मतदाता चुनावी नतीजों को खासा प्रभावित करते हैं. इनमें ज्यादातर सीटें पश्चिमी उत्तर प्रदेश, तराई वाले इलाके और पूर्वी उत्तर प्रदेश की हैं. यूपी में मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बरेली, बिजनौर, मेरठ, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर और संभल जिले हैं.