लखनऊ न्यूज़: पीजीआई में इलाज कराना महंगा हो गया है. जांच की कीमतों में इजाफा हुआ है. संस्थान ने रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी समेत दूसरे विभागों में होने वाली जांच की दरों में 10 से 50 फीसदी तक वृद्धि कर दी है. पैट स्कैन, एमआरआई, सीटी, अल्ट्रा साउण्ड, एक्सरे समेत खून व बायोप्सी की जांच संस्थान ने बढ़े रेट पर शुरू कर दी है. एक साल पहले रुई, पट्टी, गलव्स, निडिल, सलाइन वॉटर समेत ऑपरेशन, डायलिसिस की दवाएं और सर्जिकल उत्पादों के दाम 50 बढ़ाये गए हैं. संस्थान ने 15 साल बाद दरें बढ़ायी हैं.
पीजीआई में यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश समेत कई प्रदेशों से रोजाना करीब पांच हजार मरीज आते हैं. इनमें से करीब दो हजार मरीजों की जांच डॉक्टर करवाते हैं. पीजीआई के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. गौरव अग्रवाल ने बताया कि जांचों में उपयोग होने वाली किट, केमिकल एवं अन्य उपयोगी चीजों के दामों में बढ़ोतरी हुई है. जिसके चलते संस्थान प्रशासन ने जांच के रेट बढ़ाए हैं. गर्वनिंग बॉडी की मंजूरी के बाद नए रेट लागू कर दिये गए हैं. यह रेट पांच से लेकर 12 साल के बाद बढ़ाए गए हैं. डॉ. अग्रवाल ने बताया कि रेट बढ़ाने के बावजूद संस्थान में होने वाली जांचों के दाम निजी अस्पतालों व डायग्नोस्टिक सेंटरों के मुकाबले अभी भी काफी कम हैं.
खून की जांच के दाम 50 फीसदी बढ़े डॉ. गौरव अग्रवाल ने बताया कि खून की जो जांच 35 व 37 रुपये में होती थी उनके दाम में 50 फीसदी बढ़ोतरी की गई है. खून की कुछ जांच में 20 से 35 फीसदी दाम बढ़ाए गए हैं. वहीं पैट स्कैन, एमआरआई व सीटी स्कैन समेत महंगी जांचों में 10 से 20 फीसदी दाम बढ़ाए गए हैं. कुछ खास अंग, कंट्रास्ट एवं कुछ विशेष जांचों के रेट बढ़ाए हैं.