झाँसी न्यूज़: ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाली आशा कार्यरिरयों को मच्छरजनित बीमारियों के लक्षण पहचानने के साथ जांच व इलाज के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वह वेक्टर बोर्न डिजीज के प्रति लोगों में जागरुकता फैला सकें. इसी क्रम में ब्लाक तालबेहट, बार व महरौनी की आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण हुआ.
जिला मलेरिया अधिकारी मुकेश जौहरी ने बताया कि प्रशिक्षण में आशाओं को मच्छरों से होने वाली सभी बीमारियों से बचाव व उपचार के बारे में समझाया गया. मच्छर रुके हुए पानी में पनपते हैं. मच्छरों के काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारी होती हैं. गर्भावस्था में मलेरिया का होना गर्भवती के साथ-साथ भ्रूण और नवजात के लिए भी खतरनाक होता है. इसलिए गर्भवती को मच्छर से बचाव करना चाहिए. मलेरिया की जांच सीएचसी, पीएचसी पर उपलब्ध है. प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखाकर उनकी सलाह पर ही मलेरिया की जांच व उपचार उचित है. डेंगू की भी जांच व उपचार निकट के सरकारी अस्पताल में ही कराएं. वर्ष 2022 में डेंगू के 22 केस मिल चुके हैं. जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया किवेक्टर बोर्न डिजीज, मलेरिया के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने का काम वर्ष भर किया जाता है.