टोल कंपनी ने स्टांप देय के पंद्रह करोड़ चुकाए

हाई कोर्ट पहुंची थी टोल प्लाजा संचालन करने वाली कंपनी

Update: 2024-03-01 06:17 GMT

मुरादाबाद: नियामतपुर इकरौटिया में टोल संचालन कर रही टोल कंपनी मुरादाबाद बरेली एक्सप्रेस वे ने स्टांप देय में 15 करोड़ रुपए जमा कर दिए हैं. कंपनी अचल संपत्ति कुर्क होने के बाद के पहले हफ्ते में हाई कोर्ट गई थी. हाई कोर्ट ने कंपनी को पहले 15 करोड़ रुपए दो हफ्ते में जमा करने का निर्देश दिया. इसी क्रम में स्टांप देयता की रकम चुकाई गई है.

तहसील प्रशासन ने स्टांप के मद में यह रकम उप निबंधक कार्यालय में भेज भी दी है. नियामतपुर इकरौटिया स्थित टोल प्लाजा का संचालन करने वाली कंपनी पर स्टांप देय की बकाएदारी है. 25.34 करोड़ के मूल बकाए पर जिले की यह सबसे बड़ी आरसी थी. डीएम मानवेंद्र सिंह ने वसूली के लिए एडीएम फाइनेंस और एसडीएम सदर को आदेशित किया तो अफसर सक्रिय हुए. टोल कंपनी ने बकाया नहीं चुकाया तो जनवरी को बैंक खाता भी कुर्क कर लिया गया. तहसीलदार सदर रामवीर सिंह ने नियामतपुर इकरौटिया स्थित टोल प्लाजा अचल संपत्ति को भी 31 जनवरी को कुर्क कर लिया. टोल प्लाजा का इमर्जेंसी कक्ष छोड़ कर दफ्तर को सील कर दिया. नियमानुसार कुर्क के तीस दिन बाद प्रशासनिक अफसर उक्त जमीन की नीलामी की तैयारी में थे तभी टोल कंपनी मुरादाबाद बरेली एक्सप्रेस वे लिमिटेड हाई कोर्ट चला गया था. एआईजी स्टांप अनिल कुमार सिंह ने कहा कि इसके लिए प्रयास किया जा रहा था. अफसरों ने सहयोग किया तो रिकवरी मुमकिन हो सकी.

टोल कंपनी को मयब्याज के चुकानी होगी रकम

टोल कंपनी पर स्टांप शुल्क के बकाए में कुल आरसी रकम 253409900 रुपए की है. इसमें 15 करोड़ जमा हो गए हैं. प्रशासन ने कुल रकम पर 1.5 प्रतिशत मासिक दर से 10 से ब्याज का भी गुणाभाग किया. उस लिहाज से पूरी रकम 87 करोड़ पहुंच जाती है.

टोल प्लाजा कंपनी पर 25.34 करोड़ की स्टांप बकाएदारी थी इसमें 15 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं. उच्च न्यायालय ने टोल कंपनी को पंद्रह करोड़ दो हफ्ते में जमा करने के आदेश दिए थे. कंपनी ने 15 करोड़ चुका दिए हैं.

-सत्यम मिश्रा, एडीएम फाइनेंस

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