उत्तरप्रदेश | किशोरी के साथ दुराचार करने वाले को एडीजे विशेष पॉस्को एक्ट प्रथम रामराज ने तीन वर्ष के कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. शासन की ओर से इस मुकदमें की पैरवी विशेष लोक अभियोजक पॉस्को एक्ट रामवीर यादव द्वारा की गई, वहीं नाबालिग से छेड़खानी करने वाले को विशेष न्यायाधीश पॉस्को एक्ट रामकिशोर यादव ने तीन वर्ष के कारावास और 25 हजार रुपये की सजा सुनाई है. शासन की ओर से मुकदमें की पैरवी विशेष लोक अभियोजक अलका उपमन्यु द्वारा की गई.
रिफाइनरी थाना क्षेत्र की कालोनी में रहने वाली किशोरी 31 जनवरी 2018 को कालोनी स्थित अपने पित की दुकान पर खाना देने गई थी. कालोनी में रहने वाला मोनू उसे जबरन मुंह बंदकर पिता को जानसे मारने की धमकी देकर कालोनी से काफी दूर अपनी बुआ के घर ले गया था. वहां उसने किशोरी के साथ दुराचर किया. इसके बाद किशोरी को कालोनी के समीप छोड़ गया. किशोरी के इस तरह गायब होने की रिपोर्ट पिता ने थाना रिफाइनरी में दर्ज कराई थी. पुलिस ने किशोरी को बरामद कर उसका चिकित्सीय परीक्षण कराया. पुलिस ने नामजद मोनू को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया था. मुकदमें की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश अतिरिक्त विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) प्रथम रामराज की अदालत में हुई. विशेष लोक अभियोजक रामवीर यादव ने बताया कि अदालत ने मोनू को दोषी करार देते हुए तीन वर्ष के कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई.
वहीं रिफाइनरी थाना क्षेत्र में रहने वाली किशोरी के परिजन शादी समारोह में गए हुए थे. तभी पड़ोस में रहने वाला पप्पू ठाकुर घर में घुस आया और उसने किशोरी के साथ दुराचार किया. किशोरी के परिजन ने 3 मई 2022 को रिफाइनरी थाने में किशोरी के साथ दुराचार किए जाने की नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने नामजद को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया था. मुकदमें की सुनवाई विशेष न्यायाधीश पॉस्को एक्ट रामकिशोर यादव की अदालम में हुई. विशेष लोक अभियोजक अलका उपमन्यु ने बताया कि अदालत ने पप्पू ठाकुर को तीन वर्ष के कारावास और 25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है.