आगरा। संजय प्लेस में स्थित कैफे में पुलिस के छापे का वीडियो वायरल होने की गाज तीन पुलिसकर्मियों पर गिर गई।वीडियो में युवक और युवतियां आपत्तिजनक स्थिति में दिख रहे थे।इसको लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे थे। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने एक मुख्य आरक्षी और दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। तीनों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई है।
संजय प्लेस स्थित काफी कैफे हाउस और फ्रेंड्स जोन कैफे में 15 दिन पहले पुलिस ने छापा मारा था। कैफे के बेसमेंट में बने केबिन में युवक और युवतियां आपत्तिजनक स्थिति में मिले थे। पास में स्थित एक अन्य कैफे में भी कुछ गड़बड़ियां मिली थीं। दोनों को बंद कराया गया था। दोनों के खिलाफ सराय एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए प्रशासन को रिपोर्ट भेजी गई थी। युवक-युवतियों को बालिग होने पर मौके पर ही चेतावनी देकर छोड़ दिया गया था। पुलिस कार्रवाई की किसी को उस समय जानकारी नहीं हुई थी। बुधवार को कार्रवाई का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो छापे के दौरान पुलिस कर्मियों ने बनाया था। उसके वायरल होने से युवतियों की पहचान उजागर हो गई। इस पर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे थे।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी के निर्देश पर सीओ हरीपर्वत एएसपी सत्य नारायण ने प्रारंभिक जांच की। एएसपी की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने मुख्य आरक्षी रंजीत, आरक्षी सौरभ कुमार और दोपहिया पीआरवी पर तैनात सिपाही ज्ञानेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया। एसएसपी ने पुलिसकर्मियों के इस कृत्य को अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता और उदंडता माना है। उन्होंने किसी प्राइवेट व्यक्ति को कार्रवाई का वीडियो दे दिया था। इसी आधार पर उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। मामले की विभागीय जांच प्रचलित है। विभागीय जांच के बाद पुलिस कर्मियों को दंड भी दिया जाएगा। चरित्र पंजिका में जिसका उल्लेख होगा।