गाजियाबाद। साहिबाबाद पुलिस द्वारा पकड़े गए प्रतिबंधित बाज-चील तस्कर से इंटेलिजेंस ब्यूरो की टीम पूछताछ में जुट गई है। तस्कर को पकड़वाने वाली संस्था पीपल्स फॉर एनिमल्स के पदाधिकारियों का दावा है कि यह मामला पाकिस्तान के बॉर्डर से जुड़ा हुआ है। बरामद पांच में से तीन बाज सिर्फ पाकिस्तान में पाए जाते हैं। जो खासतौर पर देश की जासूसी के लिए ट्रेंड किए जाते हैं। आशंका है कि 26 जनवरी नजदीक है, ऐसे में ये मामला देश की सुरक्षा से भी जुड़ा हो सकता है। हालांकि पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद पाकिस्तान वाले बिंदू की पुष्टि से स्पष्ट इनकार किया है।
पीपल्स फॉर एनिमल्स ऑर्गेनाइजेशन में वेलफेयर ऑफिसर गौरव गुप्ता का कहना है कि वह इस पक्षी तस्कर को करीब तीन हफ्ते से ट्रैक कर रहे थे। सबसे पहले दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में रहने वाले एक एजेंट से संपर्क हुआ। गौरव ने ऐसा बाज खरीदने की इच्छा जताई, जो पूर्णत ट्रेंड हो। इस एजेंट ने पंजाब के पक्षी तस्कर का नंबर दिया। पक्षी तस्कर ने खुद को कभी हैदराबाद तो कभी कोलकाता से होना बताया। तस्कर ने सफेद बाज देने के छह लाख रुपए मांगे। आखिरकार सौदा 4 लाख 80 हजार रुपए में तय हो गया।
तस्कर ने ये बात भी कही कि ऐसा बाज दूंगा जो पूरा ट्रेंड होगा और ऐसा ही बाज निगरानी के लिए भी काम आता है। पक्षी तस्कर 5 बाज और 1 चील लेकर रविवार को मोहन नगर स्थित मेट्रो स्टेशन के पास आया और वहां इनकी मुलाकात हुई। गौरव ने जब 50 हजार रुपए की गड्डी दिखाई तो तस्कर को भरोसा हो गया कि कस्टमर ठीक है तो दवनीश सिंह संधू निवासी पंजाब अमृतसर गाड़ी में बैठ गया। इससे पूर्व पीएफए ने पुलिस को इसकी सूचना दे दी थी, जो गाड़ी के आसपास खड़ी हुई थी। जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। साहिबाबाद एसीपी पूनम मिश्रा का कहना है कि अभी पाकिस्तान बॉर्डर जैसा कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है। फिर भी अन्य खुफिया-सुरक्षा एजेंसियां पकड़े गए तस्कर से पूछताछ कर रही हैं। आरोपी के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत साहिबाबाद थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।