प्रदेश में धमाके और माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वाले तीन गिरफ्तार
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लखनऊ। राजधानी में आतंकवाद विरोधी दस्ता और स्पेशल टास्क फोर्स की संयुक्त छापेमारी में खुफिया एजेंसी की टीम ने पीएफआई से जुड़े तीन सदस्यों को गुडम्बा, कैसरबाग और कृष्णानगर थानाक्षेत्र से गिरफ्तार किया है। टीम को पकड़े सदस्यों के पास से इंप्रोवाईज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस का ट्रेनिंग मॉड्यूल के दस्तावेज और फोटो मिले हैं। इसके आधार पर संयुक्त टीम ने आरोपियों के खिलाफ कैसरबाग और गुडम्बा कोवताली में मुकदमा दर्ज कराया है। सूत्रों की मानें तो, संयुक्त टीम ने छापेमारी के दौरान गजवा-ए-हिन्द का नारा बुलंद कर यूपी में धमाके और अराजकता फैलाने की कोशिश करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। माना जा रहा है कि यह लोग विस्फोटक बनाने की ट्रेनिंग कैंप में भी शामिल हो चुके हैं। गुडम्बा थानाक्षेत्र पलका निवासी मोहम्मद आबिद पीएफआई का सक्रिय सदस्य है। वह विशेष समुदाए को उकसा कर हिंदुओं को टारगेट कर उन्हें काफिर बताते हुए उनकी हत्या करने व प्रदेश के कई स्थानों पर विध्वंसक वारदात को अंजाम देने की साजिश रच रहा था।
खुफिया एजेंसी की छापेमारी के बाद मोहम्मद आबिद अपने रिश्तेदारों के घर में पनाह ले रहा था। उसके बाद से गजवा-ए-हिन्द से जुड़े साहित्य के 12 सेट के अलावा विस्फोटक तैयार किए जाने वाले कई दस्तावेज बरामद किए गए है। इसी कड़ी में टीम ने कैसरबाग थानाक्षेत्र के अशोक सिंघल चौराहे से मोइद हाशमी को गिरफ्तार किया है। वह पीएफआई का सक्रिय सदस्य है। उसके पास से "इंडिया 2047 टूवर्ड रूल्स ऑफ इस्लाम इन इंडिया" नामक एक किताब मिली है। वह संगठन को मजबूत करने के लिए राज्य के कई शहरों मे भडकाऊ तकरीरें कर चुका है। इस काम के लिए उसे बाहर से रूपया मिलता था। लोगों को संगठन में जोड़ने के साथ ही वह उन्हें विस्फोटक बनाने की जानकारी देता था। इसके बाद टीम ने आलमबाग से एसडीपीआई के प्रदेश सचिव मो. दिलशाद की गिरफ्तारी की है। बताया जा रहा है सीएए के विरोध प्रदर्शन में वह जेल जा चुका है। जमानत पर रिहा होने के बाद से वह पीएफआई का सदस्य बन गया। इसके पास से बम बनाने के तरीके के दस्तावेज, देश विरोधी किताबें और पर्चे और अन्य इलेक्ट्रानिक डिवाइस बरामद हुई हैं।