नीतीश कैबिनेट के इस मंत्री ने दिया इस्तीफा, जाने पूरा मामला?

Update: 2022-10-02 08:42 GMT

न्यूज़ क्रेडिट :- लोकमत न्यूज़ 

पटनाः बिहार महागठबंधन सरकार में हलचल तेज है। बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा सौंप दे दिया है। सुधाकर सिंह लगातार नीतीश सरकार पर हमला कर रहे थे। सुधाकर के पिता जगदानंद सिंह राजद के प्रदेश अध्यक्ष हैं। नीतीश कैबिनेट सेराष्ट्रीय जनता दल के बिहार अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि किसी को किसानों और उनके साथ हो रहे अन्याय के लिए खड़े होने की जरूरत है। कृषि मंत्री ने इसे उठाया। हत्या मंडी कानून (कृषि उत्पाद विपणन समिति अधिनियम) ने राज्य के किसानों को तबाह कर दिया है।
कुछ दिन पहले बिहार के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने एकबार फिर से अपनी ही सरकार की फजीहत करा दी है। कृषि मंत्री कैमूर में एक बार फिर अपने विभाग के अधिकारियों को चोर बताते हुए कहा कि उनके विभाग के अधिकारी भ्रष्ट हो चुके हैं। माप-तौल विभाग के अधिकारी लोगों से 25 हजार से लेकर 50 हजार रुपए तक की वसूली करते हैं।
उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से यहां तक कह दिया कि अगर माप तौल विभाग के अधिकारी अगर सड़क पर वसूली करते दिख जाएं तो उन्हें जूता से पीटिएगा। उन्होंने कहा कि पिछले 17 सालों में बिहार का पूरा सिस्टम जर्जर हो गया है। मंत्री ने कहा कि माप तौल अधिकारी दिख जाए तो उसे जूता से पीटिएगा।
बिहार सरकार में राजद कोटे से कृषि मंत्री बने सुधाकर सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कठघरे में खड़ा करने से नहीं चूक रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर अपनी ही सरकार पर सवाल उठा दिया है। कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने नीतीश सरकार के दूसरे और तीसरे कृषि रोड मैप को बेकार बताते हुए कहा कि इससे किसानों को कोई लाभ नहीं मिला है।
न तो किसानों की आमदनी बढ़ी और ना ही उत्पादन ही बढ़ा। उन्होंने कहा कि वे स्वतंत्र एजेंसी से इसकी जांच कराएंगे। इससे पहले सुधाकर सिंह ने अपने ही विभाग के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे और हर खेत तक पानी पहुंचाने के नीतीश कुमार के दावे पर सवाल उठाया था।
उन्होंने आरोप लगाया था कि बीज निगम द्वारा किसानों को फर्जी बीज दिया गया है। समय से पहले ही बीज में बालियां लग गई और फसल की गुणवत्ता काफी खराब है। एक सप्ताह के भीतर पूरे मामले की जांच होगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसानों की दुर्दशा पर मंत्री ने कहा कि सैकड़ों सालों से किसान खेती करते आ रहे हैं।
गौरतलब है कि नीतीश कुमार के पहले के कार्यकाल में सुधाकर सिंह पर 2013 में चावल घोटाले का आरोप लगा था। उनके खिलाफ रामगढ़ थाने में दो मामले दर्ज हुए थे। प्राथमिकी के अनुसार, सुधाकर सिंह की चावल मिल का सरकार के साथ चावल प्रसंस्करण समझौता था और उन्होंने सरकार द्वारा दिए गए चावल का कथित तौर पर गबन कर लिया।
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