उत्तर प्रदेश: आईसीयू या पैथोलॉजी लैब में लंच या डिनर करना और ड्यूटी पर ऊंघना मेडिकल स्टाफ के लिए और भी मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चौबीसों घंटे निगरानी शुरू की जा रही है। चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशक रेणु श्रीवास्तव वर्मा ने कहा, सभी 167 जिला अस्पतालों में दो कारणों से चौकसी बढ़ाई जा रही है- डॉक्टरों सहित सभी मेडिकल स्टाफ अपनी ड्यूटी को सुनिश्चित करने और रोगियों के बीच झगड़े को कम करने के लिए।
निदेशक (प्रशासन)स्वास्थ्य विभाग राजगणपति आर. द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है, यदि कोई कर्मचारी सोता हुआ पाया जाता है तो संबंधित नोडल अधिकारी को सूचित किया जाएगा। सभी अस्पतालों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को सकरुलर जारी कर दिया गया है। प्रत्येक अस्पताल में रणनीतिक रूप से स्थित 16 क्लोज-टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे होंगे, जिनकी निगरानी राज्य स्वास्थ्य निदेशालय मुख्यालय में एक टीम द्वारा की जाएगी।
आपातकालीन विंग में स्थापित किया जाने वाला पहला कैमरा किसी भी अवांछित गतिविधि/लोगों पर नजर रखेगा और जांच करेगा कि स्ट्रेचर और व्हीलचेयर उपलब्ध हैं या नहीं। दिशानिदेशरें में कहा गया है कि दूसरा कैमरा आउट पेशेंट विंग में यह जांचने के लिए रखा जाएगा कि कर्मचारी समय पर ड्यूटी पर आते हैं या नहीं, जबकि तीसरा कैमरा ड्रेस कोड और बायो-मेडिकल वेस्ट के प्रबंधन पर नजर रखेगा। आईसीयू में कैमरा यह जांच करेगा कि क्या चिकित्सा कर्मचारी सक्रिय रूप से मरीजों के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहे हैं और क्या वे प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं। चिकित्सा स्वास्थ्य के डीजी ने कहा, अधिकांश अस्पतालों ने कैमरे लगाए हैं। उन्हें पहले मुख्यालय के साथ एकीकृत किया जाएगा। धीरे-धीरे हम हर अस्पताल में कैमरों की संख्या बढ़ाएंगे। निगरानी चौबीसों घंटे होगी।