यूपी में जाम से मिलेगी राहत, मुख्य मार्गों से हटेंगे ई-रिक्शा

Update: 2022-11-27 11:54 GMT
लखनऊ। शहरों में जाम और हादसे की वजह बन रहे ई-रिक्शा अब मुख्य मार्गों से हटाए जाएंगे। प्रमुख सचिव परिवहन व आयुक्त ने जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर उन्हें हटाने के निर्देश दिए हैं। मुख्य मार्गों से ई-रिक्शा हटाने से पहले फीडर रूट तय किए जाएंगे। निर्देश के मुताबिक ई-रिक्शा लिंक मार्गों से सवारियों को लेकर मुख्य मार्ग तक आएंगे लेकिन उस पर चलेंगे नहीं। जिला सड़क सुरक्षा समितियों को सर्वे कराकर फीडर रूट तय करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रमुख सचिव परिवहन व आयुक्त एल वेंकटेश्वर लू की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि परिवहन, पुलिस, यातायात, नगर निगम व जिला प्रशासन की टीम संबंधित जिले में सर्वे करे। संयुक्त सर्वे के बाद ई-रिक्शा के लिए फीडर रूट का निर्धारण किया जाए। जिला सड़क सुरक्षा समितियों की हर महीने होने वाली बैठक में इसकी समीक्षा भी की जाए। परिवहन आयुक्त ने मुख्य मार्गों से ई-रिक्शा हटाने तथा फीडर रूट तय करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया है। मुख्य मार्गों को जोड़ने वाली रोड को ही फीडर रूट नाम दिया गया है। इनमें हर रूट पर यात्रियों का लोड फैक्टर तय करते हुए वाहनों की संख्या तय करनी होती है।
नियम यह है कि नए ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन आरटीओ में कराते समय ड्राइविंग लाइसेंस का होना जरूरी है। पर वर्तमान में स्थिति है कि लर्निंग डीएल पर ही ई रिक्शा का पंजीयन आरटीओ कार्यालय में बेधड़क हो रहा है।
ई-रिक्शा के लिए परमिट जरूरी नहीं है। बशर्ते इनके चलने के लिए नियमावली जरूर है। नियमावली के मुताबिक ई-रिक्शा का मकसद कालोनियों में बसे लोगों को मुख्य मार्ग तक पहुंचाना है। इसके लिए न्यूनतम पांच रुपये किराया भी तय किया गया था लेकिन वर्तमान में ई-रिक्शा अपने मकसद से भटककर कालोनियों के बजाए मुख्य मार्गों पर चल रहे हैं।

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