लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को प्रदेश के मेधावियों को सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने छात्र-छात्राओं को निरंतर प्रयास करते रहने का संदेश दिया और कहा कि जीवन में कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है। शिक्षा से आप जीवन की सभी चुनौतियों का सामना कर सकेंगे। शिक्षा में भक्ति होनी चाहिए। शिक्षा के प्रति भक्ति का भाव हो, नंबरों का अहंकार ना पालें। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भक्ति में रावण ने कैलाश पर्वत उठा लिया था पर अहंकार में अंगद का पैर भी नहीं उठा पाया था। अगर आपने ये सोच लिया कि अब तो 99 प्रतिशत आ गए अब मेहनत करने की जरूरत नहीं तो आपको मुश्किल होगी। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि शिक्षा में भक्ति होने पर आप जीवन की सभी चुनौतियों को पार कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि हमें जीवन में आने वाले संकटों का धैर्यपूर्वक सामना करना चाहिए और कड़ी मेहनत करनी चाहिए क्योंकि शॉर्टकट का मार्ग कभी सफलता नहीं दिलाता है। उन्होंने कहा कि अब नकलविहीन परीक्षा यूपी की हकीकत है। यह बीते छह वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में किए जाने वाले बड़े बदलाव हैं। पहले एक-डेढ़ महीने तक बोर्ड परीक्षाएं होती रहती थीं पर अब 15 दिन में बोर्ड परीक्षा होने के बाद समय पर परिणाम घोषित कर दिया जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर चुनौती परीक्षा की घड़ी होती है। संकट सामने आए तो उससे भागने की जगह उसका सामना करना चाहिए। शॉटकर्ट का मार्ग कभी सफलता की मंजिल तक नहीं पहुंचा सकता। चुनौतियों से जूझ़ते हुए, ईमानदारी से और अपने पुरुषार्थ से सफलता की मंजिल को चूमना ही वास्तविक सफलता है। भारत ने कोविड कालखंड में इसे साबित करके दिखाया है, जब पूरी दुनिया इस महामारी के सामने पस्त हो गई थी, तब भारत फ्री जांच, फ्री उपचार और फ्री वैक्सिनेशन के कार्यक्रम चला रहा था। इतना ही नहीं राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए शिक्षा के क्षेत्र में आजादी के बाद सबसे बड़े बदलाव को भी कोविड काल में ही लागू किया गया।