मुरादाबाद न्यूज़: मिलावट सेहत के लिए खतरा बन चुकी है. मिलावटखोरी के चलते दूध, दही, पनीर, मावा से तेल मसाले, दाल कुछ भी सेहत के लिए सुरक्षित नहीं रहा है. पिछले एक साल में खाद्य पदार्थों के आधे से ज्यादा नमूने फेल हो गए हैं. इसके बाद भी खाद्य विभाग मिलावट पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लगा पा रहा है. मिलावट करने वाले लोगों को सेहत के लिए खतरनाक स्तर तक की मिलावट कर रहे हैं. खाद्य विभाग सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद केस दर्ज करके कार्रवाई पूरी मान लेता है. लेकिन मिलावट खोर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं.
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की ओर से मिलावट के लिए अभियान चालाया गया तो नमूनों की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ. खाद्य विभाग ने बीते वित्तीय वर्ष में विभिन्न खाद्य पदार्थों के 694 नमूने भरे. इनमें से 388 फेल निकले. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक मिलावट का कारोबार लगातारफल फूल रहा है. लेकिन विभाग अंकुश लगाने में नाकाम है.
दूध में वाशिंग पाउडर और रिफाइंड मिलाया जाता है. सिंथेटिक दूध बनाने के लिए मामूली वॉशिंग पाउडर, रिफाइंड तेल, पानी और शुद्ध दूध को आपस में मिलाया जाता है. नकली मावा के लिए दूध में यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर और घटिया वनस्पति भी मिलाया जाता है.
साल भर में खाद्य पदार्थों के 388 नमूने हो गए फेल, 29 अनसेफ निकले
दूध और इससे बने खाद्य पदार्थ मानकों पर सबसे ज्यादा फेल हुए. वित्तीय वर्ष 2022-23 में 694 में 388 नमूने फेल हुए. इनमें 29 अनसेफ निकले. सहायक आयुक्त ग्रेड 2 बिनोद कुमार सिंह ने बताया कि 427 मुकदमे एडीएम सिटी के यहां दायर हुए और 82.70 लाख का जुर्माना किया गया. 36 अनसेफ मामलों के एसीजेएम के यहां वाद दायर हुए यहां 4.82 लाख का जुर्माना हुआ. कोर्ट केस और रजिस्ट्रेशन लाइसेस से विभाग ने 1.63 करोड़ रुपए की आय अर्जित की. उन्होंने कहा कि हमारा अभियान टारगेट ओरिएंटेड होता है तभी ज्यादा नमूने फेल होते हैं. जागरूता अभियान भी चला रहे जिससे इस समस्या को कम किया जा सके.
सरसों के तेल में सबसे ज्यादा पाई गई मिलावट
सरसों के तेल में सबसे ज्यादा मिलावट है. तमाम लोकल पैकिंग वाला सरसों का तेल मिलावट के साथ बिक रहा है. सस्ता पामोलीन व कई लोग राइसब्राइन सीडी से भी सरसों का तेल बनाते हैं. पीला रंग व सरसों के तेल की तरह सुगंध मिलाई जाती है. एक छोटी शीशी एसेंस एक हजार लीटर के नकली तेल में घोल सरसों तेल तैयार किया जाता है.