जनता से रिश्ता वेबडेस्क : कम बारिश की वजह से खरीफ की फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 1 जून से 29 जुलाई के बीच केवल 170 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई, जो कि 342.8 मिमी की सामान्य से 50 प्रतिशत कम है। राज्य के कुल 75 जिलों में से 67 में कम बारिश दर्ज की गई, जबकि इस अवधि के दौरान केवल सात जिलों में में सामान्य बारिश हुई है।
गौरतलब है कि खरीफ की फसल को ज्यादा पानी की जरूरत होती है। राज्य के कृषि विभाग के मुताबिक कुल 96.03 लाख हेक्टेयर जमीन पर खरीफ की फसल लगाई गई है। कृषि विभाग के मुताबिक यूपी में करीब 60 लाख हेक्टियर जमीन पर धान उगाई जाती है जो इस साल काफी प्रभावित होने वाली है। उत्तर प्रदेश में कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख के मुताबिक राज्य की लगभग 65 फीसदी जमीन पर धान उगाई जाती है। धान उगाने वाले किसान पहले नर्सरी में धान के बीज बोते हैं जहां बीज 25 से 35 दिनों की अवधि के लिए अंकुरित होते हैं। इसके बाद किसान इन पौधों को उखाड़ कर खेत में लगा देते हैं।
लखीमपुर खीरी जिले के एक किसान के मुताबिक 'हम आमतौर पर जून के पहले सप्ताह में नर्सरी में बीज लगाते हैं और जुलाई के पहले सप्ताह में उन्हें खेतों में लगा दिया जाता है। पिछले सालों में हमारे खेत 10 जुलाई तक पानी से भर जाते थे जो रोपण के लिए सही होते थे। लेकिन इस साल मॉनसून नाराज हैं। उन्होंने कहा- रोपना तो दूर की बात है बारिश की कमी के कारण हमारी नर्सरी भी क्षतिग्रस्त हो गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक इस मौसम में धान की खेती में सबसे अधिक गिरावट नर्सरी में पौधों के नुकसान या खेत में पौधे की रोपाई में देरी के कारण हो सकती है।
source-hindustan