सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और शहर के ड्रेनेज सिस्टम में दशकों से नहीं हुआ कोई सुधार
मेरठ न्यूज़: साल दर साल बीत रहे हैं, लेकिन मेरठ शहर की सीवर और ड्रेनेज व्यवस्था में कोई सुधार नहीं दिख रहा है. घंटे भर की बारिश होते ही आज भी शहर के सीवरेज सिस्टम की पोल खुल जाती है. शहर में तमाम कालोनियां तो विकसित हो गईं, लेकिन एसटीपी न होने से आज भी मल नाले-नालियों में बह रहा है. अधिकारी और जनप्रतिनिधि दावे तो बड़े-बड़े करते रहे, लेकिन हकीकत वही ढाक के तीन पात. न तो सीवेज और न ही ड्रेनेज सिस्टम में कोई सुधार हुआ.
एक दशक पूर्व जेएनएनयूआरएम और उसके बाद अमृत योजना में हर घर सीवर लाइन से कनेक्ट करने का दावा था. दावा था कि शौचालय, घरों से निकला गंदा पानी सीवर लाइन में जाएगा. नालों में केवल बारिश का पानी ही बहेगा. सरकार ने अमृत योजना में यह प्लान किया भी है. योजना के तहत प्रथम चरण का काम समाप्त हो चुका है. शहर की सीवरेज व्यवस्था में कोई सुधार नहीं दिख रहा है. इतना ही नहीं करीब पांच साल पूर्व 220 एमएलडी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का शिलान्यास हुआ था, लेकिन अब तक कोई लाभ नहीं हुआ. उधर, कमालपुर में 72 एमएलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी पूरी क्षमता से रन नहीं कर पा रहा.
यह है स्थिति: शहर की आबादी परतापुर से मोदीपुरम तक करीब 18 लाख है. पहले से सीवर लाइन लगभग 767 किलोमीटर पड़ी थी. शहर में सीवर लाइन की आवश्यकता 1788.28 किमी. की है. अमृत योजना के प्रथम चरण का काम पूरा होने पर शहर के लगभग 45 फीसद हिस्से में सीवर लाइन से कनेक्ट होने का दावा है. करीब 50 फीसदी हिस्सा अब भी सीवर लाइन से वंचित रहेगा. इसमें दिल्ली रोड पर ट्रांसपोर्ट नगर, जैन नगर, देवपुरी समेत बागपत रोड बाईपास तक और परतापुर तक क्षेत्र सीवर लाइन की सुविधा से वंचित है. कंकरखेड़ा व मोदीपुरम के कई मोहल्ले सीवर लाइन से वंचित हैं.