गाजियाबाद न्यूज: गाजियाबाद में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जिस व्यक्ति की 3 साल पहले निमार्णाधीन बिल्डिंग के 26वें माले से गिरकर मौत हो गई थी वो जिंदा निकला। उसकी ही हत्या के इल्जाम में उसका भाई जेल में बंद है। अब यह सवाल उठता है कि आखिर मौत किसकी हुई थी। शव किसका था। पुलिस अब हर पहलू पर जांच कर रही है और जेल में बंद भाई को रिमांड पर लेकर नए सिरे से जांच करने की बात कह रही है। तीन साल पहले कंस्ट्रक्शन साइट पर एक मजदूर की हत्या हुई थी। साथियों ने मृतक का जो नाम बताया था, वो व्यक्ति अब जिंदा मिला है। कंस्ट्रक्शन कंपनी से लाखों रुपए का मुआवजा पाने के लिए ये सब खेल खेला गया था। पुलिस ने कागजों में मृत व्यक्ति को ढूंढ निकाला है। अब सवाल ये है कि वो व्यक्ति कौन था, जिसकी उस वक्त हत्या की गई?
गाजियाबाद के विजयनगर थाना क्षेत्र में प्रतीक ग्रैंड सिटी प्रोजेक्ट पर 21 फरवरी 2020 को एक मजदूर की मौत हुई थी। उसका शव निमार्णाधीन टावर के नीचे पड़ा मिला था। शुरूआत में साथी मजदूरों ने बताया कि वो काम करते वक्त 26वीं मंजिल से गिर गया। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो 26वीं मंजिल पर खून से सना एक पाइप पड़ा मिला। पुलिस ने माना कि मजदूर की हत्या कर उसकी लाश 26वीं मंजिल से नीचे फेंकी गई है। 23 फरवरी को कंस्ट्रक्शन साइट के ठेकेदार संजीव कोहली ने इस मामले में साथी मजदूर कुन्नूलाल, ओमप्रकाश समेत कई पर हत्या की एफआईआर थाना विजयनगर में कराई थी। आरोप लगाया कि कुन्नूलाल ने मुआवजा पाने के लिए अपने ही भाई को मार डाला। आरोपी कुन्नूलाल ने मृतक की पहचान अपने भाई सर्वेश के रूप में की थी। 25 वर्षीय सर्वेश मूल रूप से लखीमपुर खीरी जिले में चम्पापुर गांव का रहने वाला है।
इतना ही नहीं, कुन्नूलाल ने ही सुपरवाइजर संजीव कोहली को बोलकर सर्वेश की नौकरी इस साइट पर लगवाई थी। आईडी प्रूफ के रूप में सर्वेश नाम का आधार कार्ड भी जमा कराया था, हालांकि उस पर फोटो बहुत स्पष्ट नहीं था। यही नहीं, कुन्नूलाल ने ही मृतक को अपना भाई सर्वेश बताते हुए उसके शव का अंतिम संस्कार किया था। वर्तमान में भाई की हत्या के आरोप में कुन्नूलाल जेल में बंद है, जबकि दूसरा नामजद आरोपी ओमप्रकाश जेल से जमानत पर छूटा हुआ है। इस प्रकरण के बाद जब पुलिस ने कुन्नूलाल से पूछताछ की थी तो उसने बताया वो कंस्ट्रक्शन कंपनी से लाखों रुपए का मुआवजा पाना चाहता था। इसलिए उसने सरिये से पीट-पीटकर अपने भाई सर्वेश की हत्या कर दी थी।
इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने वाले संजीव कोहली ने बताया कि पिछले दिनों उन्हें कहीं से एक फोन रिकॉडिर्ंग प्राप्त हुई। इसमें एक तरफ से कुन्नूलाल बात कर रहा है। वो कह रहा है कि उसका भाई सर्वेश जिंदा है। कॉल रिकॉडिर्ंग में उसने मुआवजे के लिए अज्ञात व्यक्ति को मारकर सर्वेश दर्शाने जैसी बातें भी कही हैं। संजीव कोहली के अनुसार, ये कॉल रिकॉडिर्ंग हत्या के अगले दिन की थी, जब कुन्नूलाल से बात करने वाला दूसरा व्यक्ति ठेकेदार लखेंद्र का नाम लेकर मुआवजे की एवज में पैसा ट्रांसफर करने की बात कह रहा है। संजीव कोहली ने अब इस मामले में कुन्नूलाल और ओमप्रकाश के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा थाना विजयनगर में दर्ज कराया है। उन्होंने इस केस से जुड़ी कई फोन कॉल रिकॉडिर्ंग भी पुलिस को सौंपी हैं। विजयनगर थाने की एसएचओ अनीता चौहान ने बताया कि पुलिस जब लखीमपुर खीरी जिले में उक्त एड्रेस पर पहुंची तो सर्वेश जिंदा मिला। जबकि पुलिस रिकॉर्ड में उसकी हत्या हो चुकी थी। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने सर्वेश की डीएनए जांच कराई, जो उसके परिजनों से मैच हो गई। इससे ये बात पुख्ता हो गई कि सर्वेश जिंदा है। अब पुलिस जल्द ही जेल में बंद कुन्नूलाल को रिमांड पर लेगी और पूछेगी कि फिर वो व्यक्ति कौन था, जिसकी 3 साल पहले हत्या की गई थी