मुजफ्फरनगर: थाना सिविल लाइन क्षेत्र निवासी जरीना अपने पति इरशाद और अपने चार बच्चों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए।
पीड़ित परिवार का आरोप है कि वह अपने मकान का निर्माण कार्य करवाना चाहते है,लेकिन मोहल्ले के ही रहने वाले आयशा,आबिद वकील और वार्ड मेंबर वाजिद मेरे मकान का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने दे रहे।
जिससे आहत होकर पीड़ित महिला जरीना अपने पति इरशाद और अपने चार बच्चों के साथ जिला अधिकारी कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गई और जब तक पुलिस प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती तब तक धरने पर बैठने की चेतावनी दी।
दरअसल मामला थाना सिविल लाइन क्षेत्र के मौहल्ला महमूद नगर का है। जहां महमूद नगर निवासी जरीना पत्नी इरशाद गली नंबर 6 में अपने मकान का निर्माण कार्य कर रहे थे। लेकिन मोहल्ले के ही रहने वाले आयशा, एडवोकेट आबिद और वार्ड मेंबर वाजिद पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह लोग मेरे मकान का निर्माण कार्य रोकने में मेरी बाधा बन रहे हैं।
जिसमें पीड़ित जरीना के पति इरशाद ने थाना सिविल लाइन को एक प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया था कि मोहल्ले के कुछ लोग मेरा मकान का निर्माण कार्य रुकवा रहे हैं। लेकिन थाना सिविल लाइन की पुलिस द्वारा पीड़ित की कोई मदद नहीं की गई।
जिसके बाद पीड़ित जरीना पत्नी इरशाद आहत होकर अपने बच्चों के साथ अपना घर छोड़कर कचहरी परिसर स्थित जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर जाकर बैठ गए और यह चेतावनी दी कि जब तक पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती तब तक हम धरने पर ही बैठे रहेंगे, लेकिन तस्वीरों में आप देखिए किस तरह धरने पर बैठे एक पीड़ित को पुलिस द्वारा आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन सवाल यह है कि अगर पुलिस द्वारा पहले ही कार्रवाई की जाती तो यह नौबत शायद नहीं आती।