हादसे के मंजर को बयां नहीं कर सका पीड़ित परिवार

Update: 2023-02-26 09:34 GMT

मोदीपुरम: जाको राखे साईंया मार सके न कोई। यह पंक्ति सकल देव के परिवार पर चरितार्थ होती है। कोल्ड स्टोर पर वर्षों से पूर्व विधायक के कर्मचारी सकल देव का परिवार रहता है। परिवार के लोग भी सहमे हुए नजर आ रहे थे। उनके द्वारा कोल्ड स्टोर पर जो मंजर हुआ, वह बया नहीं कर पा रहे थे। वह रोते-बिलखते हुए चीख-पुकार मचाते हुए इस मंजर को याद कर बार-बार रो रहे थे।

उनका सिर्फ यही कहना था कि भगवान ने रहम कर दिया। जिसके चलते उनका परिवार बच गया। अगर भगवान की कृपा न होती तो शायद परिवार भी खत्म हो जाता। पूर्व विधायक चौधरी चन्द्रवीर सिंह के पास सकल देव वर्षों से रहता है। कोल्ड स्टोर पर ही पूर्व विधायक ने उसे रहने के लिए मकान बनाकर जगह दे रखी है। वह पूर्व विधायक के पशुओं और कोल्ड स्टोर की देखरेख करता है।

शुक्रवार को जिस समय यह हादसा हुआ उस समय सकल देव का परिवार वहां मौजूद था। हालांकि इस हादसे में सकल देव खुद चपेट में आ गया। जिसका उपचार चल रहा है। गनीमत रही कि वह बाल-बाल बच गया। उनके परिवार के सदस्य अब भी वहां रह रहे है। परिवार के लोगों से जब बातचीत करनी चाही तो वह रोते बिलखते हुए नजर आए। इस हादसे को वह भूल नहीं पा रहे।

बार-बार याद करके सिर्फ भगवान का शुक्र अदा करते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि क्षेत्र के लोग उनका ढांढस बंधाते हुए नजर आए, लेकिन इस दर्दनाक हादसे की कहानी को वह बयां नहीं कर रहे हैं। उनका सिर्फ यही कहना है कि परिवार बच गया। अगर परिवार उस समय चपेट में आ जाता तो सब कुछ समाप्त हो जाता।

सुरक्षा के लिहाज से किया दूसरी जगह शिफ्ट

पुलिस प्रशासन ने फिलहाल सुरक्षा की दृष्टि को देखते हुए कोल्ड स्टोर में रखे आलू को किसानों के सुुपुर्द कर दिया। परिवार के लोगों को वहां से दूसरी जगह शिफ्ट करा दिया। जबकि वहां बंधे पशुओं को भी कही दूसरे स्थान पर बंधवा दिया। पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों का स्पष्ट तौर पर कहना है कि सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया।

…तो अस्पताल तक पहुंची थी दहल

कोल्ड स्टोर के समीप मलिक नर्सिंग होम बना हुआ है। यह बच्चों का अस्पताल है। यह अस्पताल बड़े पैमाने पर चलता है। जिस समय यह दर्दनाक हादसा हुआ। उस समय इसकी दहल अस्पताल तक पहुंची थी। हालांकि अमोनिया गैस का पाइप फटा था। अगर कम्प्रेसर फट जाता तो शायद यहां और भी बड़ा हादसा हो सकता था। गनीमत रही कि अस्पताल परिसर में कोई दर्दनाक हादसा नहीं हो हुआ। क्षेत्र के लोग भगवान का शुक्रिया अदा करते हुए नजर आए।

मेडिकल से छह घंटे गायब रहा घायल, हड़कंप

कोल्ड स्टोर में बायलर फटने से ुहए सात घायलों का इलाज मेडिकल की इमरजेंसी में चल रहा है। शनिवार सुबह ही तमाम प्रशासनिक अमला व सांसद खुद मरीजों का हालचाल जानने पहुंचे। एक घायल मरीज छह घंटे तक इमरजेंसी से गायब रहा। जब यह बात प्रशासनिक अधिकारियों को पता चली तो मरीज की तलाश की गई और उसे गढ़ रोड स्थित एक हॉस्पिटल में भर्ती पाया गया।

हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने तुरंत मरीज को वापस मेडिकल इमरजेंसी में भर्ती कराया और उसका इलाज शुरू कराया। हादसे में घायल मरीज पवन ने बताया शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे उसके पास कुछ लोग आए और उसे एंबुलेंस में लेकर चले गए। इन लोगो ने पवन को बताया कि उसका इलाज दूसरे अस्पताल में किया जाएगा। जब पवन से पूछा गया कि उसे ले जानें वाले लोग कौन थे तो उसका कहना है कि वह किसी को नहीं जानता।

ऐसे में मेडिकल में भर्ती मरीजों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे है। हालांकि मरीज को मैक्स केयर अस्पताल से वापस लाकर उसका इलाज मेडिकल में ही कराया जा रहा है। लेकिन यह घटना मरीजों की सुरक्षा को लेकर सवाल जरूर उठा रही है। जैसे ही यह बात प्रशासनिक अधिकारियों को पता चली कि बायलर ब्लॉस्ट का एक मरीज कम है तो हड़कंप मच गया।

मौक पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी तो पता चला कि सुबह साढ़े पांच बजे के आसपास कुछ लोग मरीज पवन को एंबुलेंस में लेकर गए है। जिसके बाद अधिकारियों ने आसपास के निजी अस्पतालों में जानकारी कराई तो मरीज गढ़ रोड स्थित मैक्स केयर हॉस्पिटल में भर्ती पाया गया। करीब छह घंटे बाद अधिकारियों ने मरीज को वापस मेडिकल इमरेजेंसी में भर्ती कराया।

मेडिकल की इमरजेंसी के बाहर बड़ी संख्या में निजी एंबुलेंसों का जमावड़ा रहता है। इन एंबुलेंसों के चालक ऐसे मरीजों की तलाश में रहते है जिन्हें वह बहला-फुसलाकर निजी अस्पतालों में ले जा सके। निजी अस्पतालों से इन एंबुलेंस चालकों को मरीज लाने पर अच्छा-खासा कमीशन मिलता है। मेडिकल प्रशासन कई बार निजी एंबुलेंसो के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर चुका है। लेकिन कुछ दिन बंद रहने के बाद यह सिलसिला फिर से शुरू हो जाता है।

मेडिकल में भर्ती घायलों की जुबानी

दौराला स्थित कोल्ड स्टोरेज में हुए धमाके के बाद पुलिस प्रशासन ने सभी घायलों को शुक्रवार अस्पताल में भर्ती कराया। जिनमें मेडिकल में आठ मजदूरों को भर्ती कराया गया था। जहां उनका उपचार किया जा रहा है। मेडिकल में भर्ती हुए घायल मजदूरों श्यामलाल निवासी ग्राम पंचारी उधमपुर, पवन निवासी उधमपुर, अशोक निवासी उधमपुर,रमेश निवासी पंचारी उधमपुर, काकाराम निवासी ग्राम पंचारी उधमपुर, ऋषिपाल निवासी ग्राम मजमदत्ता, जिला रामबन सहित कई अन्य घायलों से बातचीत की गई।

मेडिकल में भर्ती घायलों ने बताया कि वे बोरियां सिल रहे थे। कुछ आलू की बोरी ढो रहे थे। तभी अचानक तेज बम से फटा और कोल्ड स्टोर की कई मंजिल की छत नीचे गिर गई। उन्हें भी होश नहीं रहा। बस आंखों के सामने धूल भरी थी। मेडिेकल में भर्ती ऋषि पाल उम्र 55 वर्ष के हाथ पैरों में फे्रक्चर था। सिर में चोट थी। यही हाल अन्य मजदूरों का था हर किसी के सिर हाथ पैरों में चोट थी।

चेहरों पर भी गहरे घाव थे। ऋषिाल ने बताया कि मैं खाना खाकर चारपाई पर आराम कर रहा था तभी धमाका हुआ और मेरे ऊपर मलबा आ गिरा। मैं दब गया। उसके बाद मुझे होश नहीं रहा। सुबह आज होश आया। वहीं मेरे साथ बराबर में एक चारपाई पर बीस वर्षीय होशियार सिंह भी मेरे पीछे दूसरी गाड़ी से मेरठ आया था।

कह रहा था कि मैं भी चलूंगा। वह पीछे पीछे सुबह यहां आ गया था। लेकिन वह चारपाई पर मोबाइल देख रहा था। तभी वह भी नीचे दब गया। दो साल पहले ही होशियार की शादी हुई थी। दो छोटे बच्चे हैं। अब पत्नी भी अकेली रह गई।

दूसरे दिन भी रहा अमोनिया गैस का रिसाव

अमोनिया गैस का रिसाव दूसरे दिन भी दिखाई दिया। कोल्ड स्टोर के आसपास में रह रहे लोगों की हालत भी नाजुक बनी हुई है। यह अमोनिया गैस बेहद खतरनाक है। शुक्रवार को दिन भर इस मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए जिन पुलिस कर्मचारी और टोल कर्मचारियों के अलावा आसपास के लोगों ने मशक्कत की थी। उनके भी गले में इस गैस का असर दिखाई दिया। क्योकि गैस का रिसाव बेहद खतरनाक था। यह गैस गले पर असर करती है। इसलिए दूसरे दिन भी लोग परेशानी में जूझते हुए नजर आए हैं।

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