सूदखोरों ने 2 साल में दो लाख को बनाया चार लाख, युवा व्यापारी ने दी जान

सूदखोरों के मकड़जाल में फंसकर किसान और व्यापारी जान गवां बैठते हैं।

Update: 2022-05-25 07:22 GMT

बांदा: सूदखोरों के मकड़जाल में फंसकर किसान और व्यापारी जान गवां बैठते हैं। सर्वाधिक किसान सूदखोरों के चंगुल में फंसते हैं। इनके अलावा व्यापारी भी इनसे कर्ज लेकर परेशान हो जाते हैं। ऐसे ही यूपी के बांदा (Banda) में एक युवा व्यापारी सूदखोरों से कर्ज लेकर इस कदर परेशान हुआ कि उसने जहरीला पदार्थ खाकर मौत को गले लगा लिया।यह मामला उत्तर प्रदेश के जनपद बांदा के बिसंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत ओरन कस्बे का है। इसी कस्बे का निवासी सुशील (27) कुछ वर्षों से कस्बे में ही कपड़े की दुकान खोल कर अपना धंधा कर रहा था। 2 साल पहले उसने सूदखोरों से कर्ज लेकर धंधे में लगा दिया, लेकिन सूदखोरों का पैसा वापस नहीं कर पाया। सूदखोर पैसा वापस करने के लिए लगातार दबाव बना रहे थे, जिससे वह पर परेशान हो गया। आखिरकार उसने सोमवार की रात जहरीला पदार्थ खा लिया। हालत बिगड़ने पर परिवार के लोग उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

सूदखोर लगातार धन वापसी के लिए बना रहे थे दबाव
इस बारे में मृतक के चाचा सुनील सिंह ने बताया कि सुशील ने 2 साल पहले कस्बे के कुछ सूदखोरों से कारोबार के लिए दो लाख रुपए कर्ज लिया था, जो मूलधन और ब्याज मिलाकर 4 लाख हो गए थे। धन वापस करने का लगातार दबाव बनाया जा रहा था। सूदखोर नियत समय पर ही पैसा वापस करने का दबाव डाल रहे थे। इसी बात से परेशान होकर उसने अपनी दुकान बंद कर दी और दुकान जाने के बजाए घर में ही रहता था। सूदखोर घर भी आने लगे और अपना रुपया वापस मांगने के लिए दबाव बनाने लगे। इससे परेशान होकर उसने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जान दे दी। इस बारे में बिसंडा थानाध्यक्ष के के पांडे ने बताया कि मृतक के परिजनों ने पति पत्नी के बीच मनमुटाव के चलते आत्महत्या करने की जानकारी दी थी। अगर परिजन सूदखोर के खिलाफ तहरीर देंगे तो मुकदमा दर्ज कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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