जागृति विहार सेक्टर तीन स्थित बिजली घर के अवर अभियंता मुकेश पाल का 'स्टिंग' आया सामने
मेरठ क्राइम न्यूज़: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीरो टोलरेंस नीति को पलीता लगाने से ऊर्जा निगम के अफसर बाज नहीं आ रहे हैं। मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के सफाये की बात करते हैं, लेकिन यहां भ्रष्टाचार का भी लक्ष्य निर्धारित किया जा रहा हैं। ऊर्जा निगम में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार की जड़े गहरी है। यहां लाइनमैन से लेकर आला अफसर तक एक ही अभियान में जुटे हैं, वो है वसूली अभियान। कहीं कनेक्शन काटने से बचाने के नाम पर वसूली हो रही है तो कहीं बिल जमा करने के बाद फर्जी रसीद थमा दी जाती है। जनता भी अब ऊर्जा निगम के अफसरों का 'स्टिंग' कर रही हैं। ऐसा ही 'स्टिंग' जागृति विहार सेक्टर तीन स्थित बिजली घर के अवर अभियंता मुकेश पाल का सामने आया हैं। 'स्टिंग' में अवर अभियंता मुकेश पाल नया कनेक्शन जारी करने के नाम पर वसूली करते हुए दिखाई दिया हैं। बाकायदा घूस में ली गई रकम का वीडियो बना लिया गया। एक नहीं, बल्कि दो अलग-अलग उपभोक्ता से यह धनराशि बतौर रिश्वस्त के रूप में ली गई हैं।
एक बिजली घर पर ही भ्रष्टाचार नहीं हो रहा हैं, बल्कि प्रत्येक एक्सईएन के अंडर में भ्रष्टाचार किया जा रहा हैं। भ्रष्टाचार करने के लिए बाकायदा एक्सईएन की तरफ से अवर अभियंता को लक्ष्य दिया गया हैं। ऐसा तब है, जब मेरठ में ऊर्जा राज्यमंत्री डा. सोमेन्द्र का घर हैं। उनके गढ़ में भ्रष्टाचार की सीमाएं ऊर्जा निगम के अफसरों ने लांघ दी हैं, लेकिन राज्यमंत्री डा. सोमेन्द्र तोमर भी चुप्पी साधे हुए हैं। जो दो वीडियो 'जनवाणी' के पास मौजूद है, वो ऊर्जा निगम के भ्रष्टाचार को उजागर कर रही हैं। एक्सईएन प्रवीण कुमार के काले धन का प्राइवेट बिल्डरों के साथ पाटर्नरशिप कर कॉलोनियां विकसित कराने के मामला सामने आ चुका हैं। न्यू ट्रांसपोर्ट नगर में अवैध कॉलोनी विकसित कर दी गई, जिसमें एक्सईएन प्रवीण कुमार ने विद्युतीकरण करा दिया। जब यहां पर एक भी मकान नहीं है तो फिर कैसे विद्युतीकरण कर दिया गया? यह बड़ा सवाल हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद शताब्दीनगर स्थित पंचवटी कॉलोनी में देवराज सिंह नामक व्यक्ति के घर बिजली कनेक्शन लगाने के आदेश हुए थे। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी देवराज के घर बिजली कनेक्शन नहीं लगाया गया। इस मुद्दे को 'जनवाणी' प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया तो आनन-फानन में बिजली कनेक्शन देने के लिए देवराज की रशीद काट दी। इसमें भी एक्सईएन ने घूस की मांग की थी, ऐसा आरोप देवराज ने लगाया था। इस तरह से भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन ऊर्जा निगम के एमडी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी ने भी आंखें मूंद ली हैं, जिसके चलते भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया हैं। जिधर, देखो…उधर भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। क्या भ्रष्टाचार पर योगी आदित्यनाथ की सरकार अंकुश लगा पाएंगी?
नए कनेक्शन के ये हैं नियम: आवेदक को अपना आवेदन आॅनलाइन करना होता है। इसके लिए आईडी प्रूफ, एक फोटो, जिस प्रॉपर्टी पर कनेक्शन लगना है। उसके दस्तावेज अपलोड किये जाते हैं, साथ ही प्रोसेसिंग फीस भी आॅनलाइन जमा करनी होती है। इसके बाद संबंधित बिजलीघर पर मौजूद जेई के पास आवेदन पहुंचता है। जेई की संस्तुति होने पर ही उपभोक्ता को कनेक्शन दिया जाता है। इस दौरान कहीं पर भी नकद लेन-देन नहीं होता है, लेकिन जेई मुकेश वीडियो में किसी उपभोक्ता से नकद पैसे लेते नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है यह नए कनेक्शन के नाम पर वसूली का खेल है। कई दिनों से जेई की शिकायत आम जनता को मिल रही थी। जिसमें उनके द्वारा कनेक्शन के लिए संस्तुति करने के बदले पैसे वसूले जा रहे हैं। इसके बाद ही किसी ने यह वीडियो बनाया है।