जनता से रिश्ता वेबडेस्क : नौ साल के मासूम शुभम का शव कंधे पर ढोने के मामले को राज्य मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने पत्र भेजकर जिलाधिकारी, एसएसपी, सीएमओ, प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज और बिजली विभाग के अफसरों को तलब किया है। सोमवार को प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज और सीएमओ ने आयोग सदस्य के सामने बयान दर्ज कराया है।एक अगस्त को करछना रामपुर उपरहार निवासी बजंरगी के नौ वर्षीय बेटे शुभम की करंट से मौत हो गई थी। शुभम की मौत के बाद बजरंगी जब पोस्टमार्टम हाउस से शव लेकर निकला तो उसे एम्बुलेंस नहीं मिली। मोर्चरी से नए यमुना पुल तक अपने बेटे के शव को कांधे पर लादे बजरंगी घूमता रहा। मामला मीडिया की सुर्खियों में आया तो प्रशासन जागा। बरजंगी को सुविधाएं दी गईं। इस मामले को अब राज्य मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है।
आयोग अध्यक्ष की ओर से पत्र आने के बाद आयोग सदस्य न्यायमूर्ति बीके नारायण अफसरों को जवाब देने के लिए बुलाया है। सोमवार को सीएमओ डॉ. नानक सरन और प्रिंसिपल मेडिकल कॉलेज डॉ. एसपी सिंह का बयान लिया गया। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से पूछा कि आपके यहां शुभम भर्ती था कि नहीं। वहीं सीएमओ से मोर्चरी की सभी व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली गई। फिलहाल डीएम और एसएसपी का बयान नहीं हो पाया है।source-hindustan