जिला अस्पताल पहुंचा ठेले पर अपनी बुजुर्ग मां को लेकर बेटा
शर्मसार हुआ स्वास्थ्य महकमा
उत्तर प्रदेश | सीतापुर जनपद से स्वास्थ्य विभाग और उत्तर प्रदेश सरकार को शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें सामने आई है। यहां एक बेटा अपनी बुजुर्ग मां को उपचार के लिए हालत बिगड़ने पर जिला अस्पताल लेकर आना चाहता था। 1 घंटे तक बुजुर्ग मां को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस को फोन भी करता रहा लेकिन 1 घंटे के बावजूद एंबुलेंस बुजुर्ग मां को अस्पताल पहुंचाने के लिए नहीं पहुंची।
जिसके बाद बेटे ने अपनी 72 वर्षीय बुजुर्ग मां राम वती को एक चार पहिए के ठेले में लिटाया और लगभग 1 किलोमीटर का फासला ट्रैफिक के बीच से होते हुए तय किया। बेटा अपनी बुजुर्ग मां को लेकर ठेले पर ही जिला अस्पताल पहुंच गया। इस दौरान 1 किलोमीटर का सफर ट्रैफिक के बीच में तय करने में काफी समय भी बर्बाद हो गया। अस्पताल लाने पर डॉक्टरों ने बुजुर्ग मां को मृत घोषित कर दिया।
हैरानी की बात तो तब रही जब बेटा अपनी बुजुर्ग मां के शव को ठेले में लिटा कर जिला अस्पताल के इमरजेंसी के अंदर तक ले गया। बावजूद इसके मृतक बुजुर्ग मां के शव को घर पहुंचाने के लिए अस्पताल प्रशासन शव वाहन तक मुहैया नहीं करा सका।
कुछ लोगों ने तस्वीरों को देखा और शर्म आई जिसके बाद लोगों की मदद से प्राइवेट एंबुलेंस की गई तब जाकर बुजुर्ग मां के शव को बेटा अपने घर ले गया हालांकि इस मामले में स्वास्थ्य महकमे का कोई भी अधिकारी अब बोलने से कतरा रहा है लेकिन तस्वीरें जमीनी हकीकत को बयां करने के लिए काफी है।
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और जिला मुख्यालय में बैठे अधिकारी लगातार स्वास्थ्य महकमे को बेहतर किए जाने के दावे करते हैं। अगर स्वास्थ्य सेवाएं उत्तर प्रदेश में इतनी बेहतर है, तो यह शर्मसार करने वाली तस्वीरें क्यों? शायद इस क्यों का जवाब नाही लखनऊ में बैठे मंत्रियों के पास है और ना जनपद में बैठे अधिकारियों के पास। शायद स्वास्थ्य महकमे का यही विकास है।