रामपुर: बुधवार देर रात आई तेज आंधी में तहसील क्षेत्र के सीमांत गांव में एक परिवार के घर की छत गिर गई। जिसके नीचे दबकर तीन बच्चों सहित पांच लोग घायल हो गये। आसपास के लोगों ने घायलों को इलाज के लिए चिकित्सक के पास पहुंचाया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।
सीमांत गांव डिबडिबा की पदमानगर कालोनी निवासी दुर्गेश कुमार पुत्र वीर सिंह एक परचून की दुकान पर नौकरी कर अपने बच्चों का भरण पोषण करता है। दुर्गेश ने बताया कि बुधवार रात के समय वह घर के अंदर पत्नी और दो बच्चों संग सो रहा था। सुबह करीब पांच बजे तेज हवा चलने लगी तो अचानक टीनों की छत को जोरदार झटका लगा। कुछ मिनट के बाद एक और झटका लगा और पूरी छत सोते हुए उनके ऊपर आ गिरी। जिसके बाद चीख पुकार मच गई। शोर सुनकर आस पड़ोस के लोग मौके पर पहुंचे और उन्हें मलवे से बाहर निकाला।
घटना में दुर्गेश कुमार व उसके तीन बेटे अजय (12) विशाल (10), माधव (8) व पत्नी सोनी (32) गंभीर रूप से घायल हो गये। एकत्र लोगों घायलों को इलाज के लिए एक निजी चिकित्सक के पास ले गये। जहां सभी घायलों का इलाज किया गया। आसपास के लोगों ने बताया कि तेज हवा के कारण दुर्गेश के पड़ोसी के नये बने मकान की छत पर की गई। बाऊंड्री की दिवारी टीनों पर गिरने से ये हादसा हुआ है। जिसे बुधवार दिन में ही बनाया गया था। अभी दिवार का सीमेंट पूरी तरह सूख नहीं पाया था कि रात में तेज आंधी चलने से दिवार की ईंटें भरभराकर दुर्गेश की छत पर जा गिरी। जिससे ये हादसा हो गया। मामले में तहसीलदार विजय प्रकाश मिश्रा ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। हल्का लेखपाल को मौके पर भेजकर मामले की जांच कराकर पीड़ित परिवार की हर सम्भव मदद की जायेगी।
पीएम योजना से आवास मिल जाता तो न होता ये हादसा: पीड़ित दुर्गेश ने बताया कि वह पिछले काफी समय से परिवार सहित टीन से बने मकान में रह कर गुजर बसर कर रहा है। नौकरी से बमुश्किल परिवार का गुजारा हो पाता है। आर्थिक तंगी के चलते वह अभी तक अपने मकान की छत तक नही डलवा पाया है। उसने बताया कि उसने कई बार प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए आवेदन भी किया। लेकिन अभी तक उसे आश्वासन के अलाव कुछ भी हासिल नहीं हुआ। दुर्गेश ने बताया कि हादसे के वक्त उसकी सौ वर्षीय वृद्धा अम्मा घर के बाहर सो रही थी। जिस कारण उनके कोई चोट नहीं आई।