करंट की चपेट में आया शख्स, तोड़ा दम, परिजनों का हंगामा
पुलिस ने खुलवाया रास्ता।
लखनऊ: तीर्थ नगरी वृंदावन (Vrindavan) के सुप्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) के पास उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एक व्यक्ति को ठाकुर बांके बिहारी मंदिर की गेट नंबर चार के सामने वाली गली से जाते समय करंट की चपेट में आ गया. करंट (Current) की चपेट में आने से व्यक्ति गली में ही गिर पड़ा, जब इस बात की सूचना परिजनों को हुई तो वो मौके पर पहुंचे. परिजन, व्यक्ति को अस्पताल (Hospital) ले गए. जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत (Dead) घोषित कर दिया. व्यक्ति की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया जबकि इलाके में शोक की लहर है.
रविवार की सुबह करीब 10:30 बजे बांके बिहारी मंदिर गेट नंबर 4 की सामने वाली गली में एक मकान के बाहर निकल रही विद्युत केबल में प्रवाहित करंट की चपेट में आए व्यक्ति की मौत हो गई. मृतक बनवारी की उम्र 35 वर्ष थी, वह मूल रूप से फरह गांव के सहजादपुर का रहने वाला था. वो पिछले 5 सालों से अपनी ससुराल वृंदावन के दो शायद मोहल्ला में पत्नी समेत चार बेटी और एक बेटे के साथ रहकर बांके बिहारी मंदिर के सेवायत मयंक गोस्वामी के यहां पर नौकरी करता था.
घटना से आक्रोश में आए परिजनों ने स्नेह बिहारी मंदिर से बांके बिहारी मंदिर जाने वाले मार्ग जाम लगा दिया और बैरिकेडिंग गिरा कर मार्ग को बाधित कर दिया. साथ ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे. जब इस बात की सूचना पुलिस को लगी तो वो मौके पर पहुंची. पुलिस ने हंगामे को कंट्रोल किया और परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन दिया और उन्हें समझा-बुझाकर बांके बिहारी मंदिर का मार्ग खुलवाया. साथ ही शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. वहीं इस बारे में जानकारी देते हुए बांके बिहारी चौकी प्रभारी दीपक तिवारी ने बताया कि परिजनों द्वारा तहरीर दी गई है. जांच के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.
वृंदावन में श्री रंगनाथ मंदिर के 10 दिवसीय (रथ का मेला) का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भगवान रंगनाथ रजत और स्वर्ण निर्मित वाहनों पर विराजमान होकर प्रातकाल और साय काल को भक्तों को दर्शन देते हैं, इसके बाद नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं.वहीं, रंगनाथ मंदिर में यह परंपरा सैकड़ों सालों से चली आ रही है और हर सालष इस ब्रह्मोत्सव (रथ मेले का) आयोजन किया जाता है. साथ ही इस 10 दिवसीय ब्रह्मोत्सव में विशेष तौर पर 1 दिन रथ मेले का आयोजन किया जाता है जो कि बेहद खास होता है. जिसमें भगवान रंगनाथ चंदन की लकड़ी से बने 60 फीट ऊंचे रथ में विराजमान होकर नगर भ्रमण को निकलते हैं और भक्तों को दर्शन देते हैं.