सिटी बसों का संचालन पूरी तरह ठप, अफसरों के समझाने पर नहीं माने संविदाकर्मी

Update: 2023-02-23 14:13 GMT

इलाहाबाद न्यूज़: महानगर बस सेवा के तहत 2009 में 120 बसों का संचालन शुरू हुआ था. इसमें से 20 बसें आगजनी व अन्य कारणों से बंद हो गईं. 27 बसें वर्ष 2022 में बंद हुई. छह फरवरी को 40 बसें, 14 को एक और 15 को आठ बसें बंद हुई. बची हुई 24 बसों में से 23 का परमिट अगले हफ्ते खत्म हो जाएगा. जबकि कई बसों का परमिट मार्च में खत्म होगा तो वह भी सड़क पर नहीं दौड़ सकेंगी.

फिटनेस प्रमाण पत्र न मिलने की वजह से डीजल वाली महानगर बस सेवा की बसों को धीरे धीरे बंद करने की वजह से आमरण अनशन पर बैठे संविदाकर्मी भी अपनी आवाज बुलंद करते रहे.

पिछले दो दिनों से अधिकारी बातचीत के जरिए उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हड़ताल खत्म नहीं हो रही है. हड़ताली कर्मचारियों के समर्थन में वो संविदा कर्मी भी आ गए हैं जो फिलहाल बसों में ड्यूटी कर रहे थे. शहर में संचालित अन्य बसें भी दो महीनों के भीतर बंद हो जाएंगी. ऐसे में ड्यूटी वाले कर्मचारियों ने भी बसें खड़ी कर हड़ताल शुरू कर दी है. अब शहर में महज ई-बसों का संचालन ही हो रहा है. सिटी बसों का संचालन पूरी तरह बंद होने से कई रूटों पर परेशानी होने लगी है. झूंसी रोडवेज कार्यशाला में आमरण अनशन पर बैठे प्रदर्शनकारियों में से कई की तबीयत बिगड़ने लगी है. कई और संगठन समर्थन में पहुंच गए हैं. भी उनकी हड़ताल जारी रही.

सेंट्रल रीजनल वर्कशाप कर्मचारी संघ, सीटू आदि आवाज बुलंद कर रहे हैं. दो दिनों तक अधिकारी कर्मचारियों को समझाने पहुंचे लेकिन वह नहीं माने.

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