रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबेरली जिले में तेज रफ्तार का कहर लगातार देखने को मिल रहा है। आए दिन लोग अपनी जान गवांते नजर आते हैं। तेज रफ्तार में चलते वाहन रोड किनारे चलने वालों को गाजर-मूली की तरह पीसकर निकल जाते हैं और लोग तमाशा देखते रह जाते हैं। ऐसे शहर व कस्बों से निकलने वाले तेज रफ्तार वाहनों पर प्रशासन कोई शिकंजा नहीं कसता है। कुछ ऐसा ही हादसा तहसील लालगंज के ब्लॉक खीरों कस्बे के रफीक नगर में देखने को मिला। जहां एक तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने एक स्कूली छात्र को रौंद दिया। हादसा इतना दर्दनाक था कि कोई शव को देख नहीं पाया। घटना के बाद मौके से बड़ा वाहन रफूचक्कर हो गया। बताया जाता है स्कूल के बाद छात्र अपने घर साइकिल से जा रहा था तभी रोड पर यह हादसा घटित हुआ।
जानकारी के अनुसार, खीरों थाना के मुड़ियन खेड़ा मजरे हरदी निवासी अंश कुमार (12) पुत्र राजेश कुमार 5वीं का छात्र था। खीरों कस्बा स्थित प्राइवेट विद्यालय में वह पढ़ता था। सोमवार को भी रोज की तरह स्कूल गया था। दोपहर बाद समयानुसार छुट्टी होने पर वह साईकिल से घर लौट रहा था। जैसे ही छात्र शिवपुर हुसेनाबाद पहुचा, तभी खीरों की तरफ से आ रहे अज्ञात वाहन ने उसे चपेट में ले लिया। जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। सूचना पर पहुंची खीरों थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। छात्र के मौत की सूचना घर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
बताया जा रहा है कि बड़ी मन्नतों के बाद अंश का जन्म हुआ था। मृतक अंश 2 बहन में एक भाई के रूप सबसे छोटा व दुलारा था। गांव में रहते हुए लगातार पुत्रियों के पैदा होने पर मृतक के पिता ने मुडियन खेड़ा मजरे हरदी को छोड़कर कस्बे के रफीक नगर के निकट जमीन लेकर मकान बनवाया था, जिसके बाद मन्नतें मांगने के बाद अंश का जन्म हुआ। दो बहनों में सबसे छोटा होने का के चलते घर का दुलारा था अंश यादव। जैसे ही घटना की खबर परिवारीजनों को लगी तो उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और हाहाकार मच गया। मां का इकलौता चिराग बुझ गया। मृतक अंश यादव के पिता खीरों कस्बे में राजेश यादव मेडिकल स्टोर चलाते हैं। पिता के साथ मेडिकल में बैठने के बाद अंश का दिमाग भी तेज चलता था और वह पढ़ाई में भी अव्वल था।
इस घटना के बाद जहां लोगों ने प्रशासन से भीड़ भाड़ इलाकों में तेज रफ्तार चल रहे बड़े वाहनों पर रफ्तार धीमी करते चलने की मांग उठाई। वहीं यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई कि आखिरकार भीड़-भाड़ व कस्बों के बीच से गुजरने वाले डग्गामार वाहन से लेकर ट्रक अपने रफ्तार पर अंकुश क्यों नहीं लगाते हैं। ऐसे में प्रशासन को भीड़-भाड़ व कस्बों के बीच से गुजरने वाले वाहनों पर स्पीड तय करनी चाहिए, क्योंकि ऐसे वाहनों से जहां आम जनमानस सहित रोड किनारे चलने वाले स्कूली छात्र भी ऐसे तेज रफ्तार वाहनों का शिकार हो जाते हैं।