काले रंग से पोता गया मुख्यमंत्री का नाम, जानिए क्या है पूरा विवाद

विवाद गहरा गया है.

Update: 2021-09-28 06:57 GMT

दादरी: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सम्राट मिहिर भोज को लेकर विवाद गहरा गया है. ग्रेटर नोएडा के दादरी में मिहिर भोज कॉलेज में सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति लगी है, जिसके बाद यहां उनकी जाति को लेकर बहस छिड़ गई है.

मूर्ति में सम्राट मिहिर भोज के नाम से आगे गुर्जर हटाए जाने का आरोप लगा है, जिसके बाद अब कॉलेज में गुर्जर समाज के लोगों ने मूर्ति पर नाम के आगे फिर से गुर्जर जोड़ दिया है.
यहां पर लोगों द्वारा सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति का गंगाजल से शुद्धिकरण किया गया, बाद में नाम के आगे गुर्जर जोड़ दिया गया. ऐसे में अब सम्राट मिहिर भोज की जाति से जुड़ा ये विवाद बढ़ता जा रहा है.
यहां पर गुर्जर नेताओं ने मूर्ति के साथ लिखे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य भाजपा नेताओं के नाम पर कालिख भी पोत दी है.
दरअसल, इसी महीने 22 सितंबर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दादरी के इस कॉलेज में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण किया. आरोप ये लग रहा है कि अनावरण से पहले मूर्ति पर लिखे नाम से गुर्जर हटाया गया है.
इसी को लेकर बहस छिड़ी है क्योंकि राजपूत समुदाय सम्राट मिहिर भोज को अपना पूर्वज बता रहे हैं और गुर्जरों की ओर से भी यही दावा किय़ा जा रहा है. गुर्जर समाज की ओर से आसपास के गांवों को इकट्ठा कर इस मसले पर पंचायत भी बुलाई गई है.
ये मसला सिर्फ दादरी तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि प्रदेश में राजनीतिक बयानबाजी का कारण भी बन गया है. समाजवादी पार्टी के प्रमुख और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा. अखिलेश ने कहा कि बीजेपी वालों ने सम्राट मिहिर भोज की जाति ही बदल दी.
अब से कुछ महीनों बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है, ऐसे में इस मसले पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जो बहस छिड़ी है वह एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है.
वहीं, इस मसले पर सम्राट मिहिर भोज के वंशज राजकुमार कुंवर अरुणोदय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख अपील की है कि कोई भी राजपूताना इतिहास से छेड़छाड़ ना कर पाए.
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