लखनऊ में एसोसिएट कमिश्नर रहे एक अपर कमिश्नर का भी नाम आया, एलडीए ने जिम्मेदारों पर कार्रवाई ही नहीं की
एलडीए ने जिम्मेदारों पर कार्रवाई ही नहीं की
उत्तरप्रदेश गोमती नदी की जमीन के बदले बिल्डर को 100 करोड़ के पांच व्यावसायिक और ग्रुप हाउसिंग के भूखण्ड देने में तीन आईएएस और दो पीसीएस अफसरों के नाम भी सामने आए हैं. इन्हीं अफसरों ने भूखण्डों का समायोजन कराया था. लखनऊ में तैनात एक अपर आयुक्त के भी समायोजन की फाइल पर हस्ताक्षर मिले हैं. एलडीए वीसी डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने भूखण्डों का समायोजन तो निरस्त कर दिया है, लेकिन जिम्मेदार अफसरों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
एलडीए के कुछ अफसरों ने गोमती में समाहित भूमि के बदले बिल्डर राजगंगा डेवलपर्स को गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर चार में पांच व्यावसायिक, ग्रुप हाउसिंग के भूखण्ड आवंटित कर दिए. इनकी कीमत करीब 100 करोड़ रुपए बताई गई है. प्राधिकरण वीसी डॉ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने जांच के बाद भूखण्डों का आवंटन निरस्त कर दिया था. मगर जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ अभी तक कार्रवाई नहीं की है. उपाध्यक्ष ने सचिव पवन गंगवार को इसकी जांच सौंपी है. जिम्मेदार अधिकारियों को चिन्हित कर शासन को शीघ्र रिपोर्ट देने की बात कही है. हिन्दुस्तान की पड़ताल में पता चला कि इसमें तत्कालीन उपाध्यक्ष के अलावा दो अन्य आईएएस अफसरों के भी हस्ताक्षर हैं. हालांकि ये बाद में आईएएस बने. दो पीसीएस अफसरों के हस्ताक्षर भी हैं.
भूखंड समायोजन
बड़े अफसरों का नाम सामने आने से एलडीए अधिकारी भी सकते में हैं. कहा जा रहा कि इसी वजह से एलडीए मामले में फूंक फूंक कर कदम उठा रहा है.
लखनऊ के एक अपर आयुक्त का भी नाम
100 करोड़ के भूखण्ड के समायोजन में लखनऊ में तैनात एक अपर आयुक्त का भी नाम आया है. इन अपर आयुक्त ने बिल्डर की फाइल समायोजन के लिए आगे बढ़ाई थी. उस समय यह एलडीए में संयुक्त सचिव थे. हालांकि वह इसमें शामिल रहे हैं या नहीं इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो पाएगी.