मेरठ न्यूज़: नगर निगम के दलित बाहुल्य मलियाना स्थित वार्ड-दो की जलनिकासी के लिए बनाया गया नाला कई साल से अधूरा है। जिसके कारण वार्ड के कई मोहल्लों में जलभराव स्थायी समस्या का रूप धारण कर चुका है। कई रोड ऐसे हैं, जिनकी जर्जर हालत के कारण हर समय पानी और कीचड़ जमा रहती है और आने-जाने वालों के लिए परेशानी का कारण बनती है। वार्ड दो में बिजलीघर होकर मलियाना जाने वाले रोड, बंबे वाले रोड की स्थिति यह है कि यह सड़कें जगह-जगह टूटकर आने-जाने लायक नहीं रह गई हैं। इन सड़कों में बने गहरे गड्ढे हर समय पानी और कीचड़ से लबरेज रहते हैं, जिनसे होकर गुजरना एक चुनौती से कम नहीं होता। बागपत रोड से लाइन तक जसवंतनगर बस्ती है, जिसकी सड़कों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। इस क्षेत्र के निवासी राकेश कुमार, सहेन्द्र कुमार का कहना है कि खजूरी वाली गली से होकर गुजरने वालों को रोड की स्थिति खराब होने के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उनका कहना है कि इसी मार्ग से होकर अर्थी को श्मशान ले जाना पड़ता है, जिसमें लोगों के सामने कठिनाई आती है। मलियाना से जोड़ने वाले इस रोड को बनवाने की मांग पार्षद से लेकर विभिन्न स्तर पर जनप्रतिनिधियों से की जा चुकी है। लेकिन इस क्षेत्र की सबसे प्रमुख समस्या की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया है। कनोहरलाल कालेज की छात्रा कंचन का कहना है कि इस क्षेत्र के अधिकांश रास्तों की हालत बहुत खराब है, जिसके कारण उन्हें कालेज जाने में परेशानी का रोजाना सामना करना पड़ता है। रविन्द्र कुमार, महेन्द्र भारती का कहना है कि बच्चा श्मशान तक जलभराव की स्थिति की जद में हैं।
प्रेम सिंह, ताराचन्द, शक्ति सिंह, चरण सिंह, रोहित कुमार, कृष्ण कुमार, पवन कुमार आदि अंबेडकर पार्क के निकट मिले। उनका कहना है कि वार्ड की सबसे बड़ी समस्या यह है कि नगर निगम ने कुछ साल पहले एक नाले का निर्माण शुरू कराया था, लेकिन यह निर्माण आज तक पूरा नहीं हो सका है। जिसके कारण वार्ड के कई मोहल्लों से जलनिकासी नहीं हो पाती। इन मोहल्लों में हर समय पानी भरा रहता है। बरसात के दौरान यह मोहल्ले एक टापू में तब्दील हो जाते हैं। मलियाना, इस्लामनगर, संजय कालोनी, शुगर मिल दक्षिण भाग, होली चौक, जसवंत नगर, मलियाना रोड, देव पार्क आदि मोहल्लों में अपेक्षाकृत काम होने की बात लोग बताते हैं। वार्ड की समस्याओं और कराए गए कार्यों के बारे में पूछने पर पार्षद कमला देवी के पति नरेश कुमार ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उनका कहना था कि अब उन्हें कोई चुनाव नहीं लड़ना है, जितना काम वे करा सकते थे, करा चुके हैं।