कानपूर न्यूज़: दहेज में बाइक न देने पर पत्नी को जलाकर कर मारने के मामले में पति को 15 साल की सजा सुनाई गई. 14 साल पहले हुई वारदात में मृतका के मृत्यु पूर्व दिया गया बयान सजा दिलाने में मददगार रहा. अभियुक्त पर 20 हजार रुपये जुर्माना भी किया गया.
एडीजे 13 सुरेंद्र पाल सिंह ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद घाटमपुर निवासी देवेंद्र तिवारी उर्फ पिंटू को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई. एडीजीसी प्रदीप कुमार साहू के मुताबिक रूप नारायण अवस्थी ने 7 मई 2009 को बेटी शीलू की शादी घाटमपुर के देवेंद्र तिवारी उर्फ पिंटू से की थी. शादी के बाद से ही ससुरालवाले दहेज में मोटरसाइकिल और 50 हजार रुपये की मांग कर शीलू को सताने लगे. शीलू के साथ देवेंद्र नौबस्ता के राजेंद्र नगर में कुछ माह बाद किराये का कमरा लेकर रहने लगा. देवेंद्र ने शीलू को 24 मार्च 2010 की रात पीटा और मिट्टी का तेल डालकर जला दिया था. शीलू की 1 अप्रैल 2010 को हैलट में मौत हो गई. कोर्ट में परिजनों के बयान से मुकरने के बाद भी मृतका के मृत्युपूर्व बयान के आधार पर कोर्ट ने अपराध को गंभीर मानते हुए देवेंद्र को सजा सुनाई.